
जीडीपी के आंकड़े सामने आने के बाद सरकार के सामने कई नई चुनौतियां हैं. ऐसे में केंद्र सरकार सरकारी कंपनियों को प्राइवेट कंपनियों के हाथ में देने की योजना बना रही है. सरकार का मानना है कि इससे सरकारी बोझ कम होगा. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साध रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा है कि ये अनावश्यक निजीकरण है.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'आज देश मोदी सरकार-निर्मित कई आपदाएं झेल रहा है जिनमें से एक है अनावश्यक निजीकरण. युवा नौकरी चाहते हैं पर मोदी सरकार PSUs का निजीकरण करके रोजगार और जमा पूंजी नष्ट कर रही है. फायदा किसका? बस चंद ‘मित्रों’ का विकास, जो हैं मोदी जी के खास.'
बीपीसीएल का होगा निजीकरण
बता दें कि सरकारी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का निजीकरण होने वाला है. इससे पहले, कंपनी ने अपने कर्मचारियों को तोहफा दिया है. दरअसल, बीपीसीएल के कर्मचारियों को बेहद सस्ती कीमत में शेयर खरीदने का विकल्प मिलेगा.
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बीपीसीएल ने बताया कि उसके निदेशक मंडल की बैठक में प्रस्तावित कर्मचारी शेयर खरीद योजना (ईएसपीएस) को मंजूरी दी गई है. इसके लिए शेयरधारकों की मंजूरी ली जाएगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीपीसीएल ने इसका ब्योरा नहीं दिया है, लेकिन मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि ‘बीपीसीएल ट्रस्ट फॉर इन्वेस्टमेंट इन शेयर्स’ के पास कंपनी की चुकता शेयर पूंजी में 9.33 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसमें से दो प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश कर्मचारियों को पिछले छह माह के औसत दाम के एक-तिहाई मूल्य पर की जाएगी. हालांकि, इससे बीपीसीएल में सरकार की शेयरधारिता में कोई बदलाव नहीं होगा.
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