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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारत में अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतंत्र को लेकर एक बार फिर चिंता जताई. कुछ विदेशी संस्थाओं ने भारत में लोकतंत्र की स्थिति को लेकर आलोचना की. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि जितना वे अंदाजा लगा रहे हैं, हालात उससे ज्यादा बदतर हैं. राहुल के इस बयान पर बीजेपी ने भी जमकर निशाना साधा है.
राहुल ने यहां तक कहा कि सद्दाम हुसैन और गद्दाफी जैसे लोग भी चुनाव आयोजित कराते थे और जीत जाते थे. लेकिन तब ऐसा कोई फ्रेमवर्क नहीं था, जो उन्हें मिले वोट की रक्षा कर सके. राहुल अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष के साथ चर्चा कर रहे थे. इस दौरान राहुल ने कहा कि हमें किसी दूसरे देश की संस्था से लोकतंत्र को लेकर सर्टिफिकेट नहीं चाहिए लेकिन उन्होंने जो कहा, वो बिल्कुल सही है. भारत में इस वक्त जितना हमने सोचा है, हालात उससे ज्यादा बदतर हैं.
बीजेपी ने बोला हमला
राहुल गांधी के सद्दाम हुसैन और गद्दाफी वाले बयान पर केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राहुल गांधी को ये पता नहीं कि वो क्या बोल रहे हैं. पहले उनकी पार्टी में जो चुनाव करने हैं, जिस के बारे में उनके लोगों ने कहा है उसके बारे में सोचें. उनके पार्टी में लोकतंत्र नहीं है. वो बताएं कि नरसिम्हा राव के अलावा गांधी परिवार को छोड़कर कौन पार्टी का अध्यक्ष चुन कर बना है. हमारी पार्टी में अमित शाह अध्यक्ष थे, उनसे पहले राजनाथ सिंह अध्यक्ष थे, उनसे पहले नितिन गडकरी अध्यक्ष थे, आडवाणी थे. आगे कौन होगा ये भी पता नहीं.
कांग्रेस में राहुल गांधी या सोनिया गांधी. ये हमें लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे हैं. बड़े-बड़े तानाशाहों से तुलना कर के ये देश का अपमान कर रहे हैं. मोदी जी के नेतृत्व में लोगों ने बहुमत दिया है. ये लोगों का अपमान है. कांग्रेस को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. आप समझते हैं कि आप पैदा हुए हैं तो प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए पैदा हुए हैं. ये मानसिकता जब तक नहीं बदलेगी, कांग्रेस पार्टी और बुरी स्थिति में पहुंचेगी.
उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी रिसर्च पेपर नहीं लाती. हमारी पार्टी में तो तहसील के अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक सब चुन कर आते हैं. इनकी पार्टी में क्या होता है, राहुल गांधी स्वयं इस्तीफ़ा देते हैं, समुन्द्र में डूबते हैं और फिर से आ कर अध्यक्ष बनते हैं.
इंदिरा के थे गद्दाफी और सद्दाम से अच्छे रिश्ते
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने सद्दाम हुसैन और गद्दाफी की बात की. लेकिन उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पिता राजीव के इन नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते थे. साल 1975 में इंदिरा गांधी इराक भी गई थीं. कहा तो यह भी जाता है कि इंदिरा गांधी ने ही सद्दाम के बेटों उदय और कुशय के नाम रखे थे. बाद में राजीव गांधी के भी सद्दाम से मित्रता रही. इसके अलावा गद्दाफी और उनके परिवार के साथ भी इंदिरा गांधी की तस्वीरें उपलब्ध हैं.