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राहुल गांधी का 'चक्रव्यूह' के सहारे सरकार पर निशाना, लोकसभा में 45 मिनट के भाषण पर क्यों मचा बवाल?

राहुल गांधी ने कहा, 'जो 'चक्रव्यूह' बनाया है. इससे करोड़ों लोगों को नुकसान हुआ है. हम इस चक्रव्यूह को तोड़ेंगे. इसे तोड़ने का सबसे बड़ा तरीका जाति जनगणना है. जिससे आप सब डरते हैं. I.N.D.I.A इस सदन में गारंटीकृत कानूनी एमएसपी पारित करेगा. इसी सदन में जाति जनगणना हम पास करके आपको दिखाएंगे.'

राहुल गांधी ने 'चक्रव्यूह' के सहारे सरकार को घेरा राहुल गांधी ने 'चक्रव्यूह' के सहारे सरकार को घेरा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:28 PM IST

इसी महीने की बात है. 1 जुलाई को सोमवार के दिन लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने संसद में अपना पहला भाषण दिया था. उन्होंने संविधान की कॉपी और भगवान शिव की तस्वीर दिखाकर अपनी बात रखी और अभय मुद्रा का जिक्र किया. राहुल के इस अंदाज की काफी चर्चा हुई. महीने के आखिर में राहुल एक बार फिर सोमवार के दिन ही बजट पर बोलने उठे और कई मुद्दों पर सरकार को घेरा. फिर भगवान शिव का जिक्र किया लेकिन उनके इस भाषण में 'चक्रव्यूह' शब्द केंद्र में रहा.

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राहुल गांधी ने कहा, 'जो 'चक्रव्यूह' बनाया है. इससे करोड़ों लोगों को नुकसान हुआ है. हम इस चक्रव्यूह को तोड़ेंगे. इसे तोड़ने का सबसे बड़ा तरीका जाति जनगणना है. जिससे आप सब डरते हैं. I.N.D.I.A इस सदन में गारंटीकृत कानूनी एमएसपी पारित करेगा. इसी सदन में जाति जनगणना हम पास करके आपको दिखाएंगे.'

राहुल का भाषण सुन वित्त मंत्री ने पकड़ा सिर

46 मिनट के राहुल गांधी के भाषण में एक वक्त ऐसा भी आया जब राहुल की बात सुनकर वित्त मंत्री ने अपना सिर पकड़ लिया. लोकसभा चुनाव से ही राहुल गांधी का सारा जोर अग्निवीर योजना, बेरोजगारी और पिछड़े-दलितों को साधने पर है. इसके लिए वो लगातार जाति जनगणना पर जोर दे रहे हैं. बजट पर बोलते हुए भी उनके भाषण में यही मुद्दे छाए रहे.

राहुल ने कहा, 'ये जो बजट का हलवा बंट रहा है. इसमें एक भी ओबीसी-आदिवासी-दलित अफसर नहीं दिख रहा है. ये हो क्या रहा है सर? देश का हलवा बंट रहा है. इसमें 73 फीसदी है ही नहीं.' राहुल गांधी का भाषण सुनकर निर्मला सीतारमण ने माथा पकड़ लिया. उन्होंने कहा, 'आप लोग हलवा खा रहे हो और बाकी देश को हलवा मिल ही नहीं रहा है.'

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'सिर्फ दो-तीन प्रतिशत को ही मिल रहा हलवा'

राहुल गांधी ने कहा कि 20 अफसरों ने देश का बजट बनाने का काम किया है लेकिन इनमें से सिर्फ एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी है. इसमें दलित और आदिवासी एक भी नहीं है. राहुल गांधी ने बजट से पहले की हलवा वाली रस्म का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार में दो-तीन प्रतिशत लोग ही हलवा तैयार कर रहे हैं और उतने ही लोग हलवा खा रहे हैं और शेष हिंदुस्तान को यह नहीं मिल रहा है.

राहुल ने कहा, '90-95 फीसदी जातिगत जनगणना चाहते हैं. सब लोगों को ये पता लगाना है कि हमारी भागेदारी कितनी है. बांटता कौन है, वही 2-3 फीसदी लोग, मिलता किसको है, वही 2-3 फीसदी लोग. फाइनेंस मिनिस्टर मुस्कुरा रही हैं. कमाल की बात है. ये हंसने की चीज नहीं है मैडम. ये हंसने की बात नहीं है. ये जातिगत जनगणना है.'

जातिगत जनगणना पर मिला जेडीयू का साथ

राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना के इर्दगिर्द ही अपनी चुनावी रणनीति बना रहे हैं. इसका फायदा कांग्रेस को चुनावों में भी हुआ है. कांग्रेस और इंडिया गठबंधन लगातार सत्ता में आने पर जातिगत जनगणना करवाने का वादा कर रहा है. संसद में भी राहुल ने इसे दोहराया, जिसे जेडीयू का भी साथ मिल गया.

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जेडीयू शुरुआत से जातिगत जनगणना के पक्ष में है. मुख्यमंत्री रहते हुए नीतीश ये काम बिहार में करवा चुके हैं. इसलिए शायद राहुल बीजेपी की दुखती रग पर लगातार हमलावर हैं जिसे उन्होंने 'चक्रव्यूह' से जोड़कर एक नया रंग दे दिया.

दूसरी बार राहुल ने सदन में दिखाई फोटो

लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद ये दूसरा मौका है जब राहुल गांधी ने फोटो दिखाकर अपनी बात रखने की कोशिश की और स्पीकर ने मना कर दिया. राहुल गांधी ने महाभारत युद्ध की चक्रव्यूह संरचना का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें डर, हिंसा होती है और अभिमन्यु को फंसाकर छह लोगों ने मारा. उन्होंने चक्रव्यूह को पद्मव्यूह बताते हुए कहा कि ये एक उल्टे कमल की तरह होता है. 

राहुल ने कहा, 'एक नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है, वो भी लोटस की शेप में है, जिसको आजकल पीएम मोदी छाती पर लगाकर घूमते हैं. अभिमन्यु को 6 लोगों ने मारा था, जिनके नाम द्रोण, कर्ण, कृपाचार्य, कृतवर्मा, अश्वस्थामा और शकुनी थे. आज भी चक्रव्यूह के बीच में 6 लोग हैं. चक्रव्यूह के बिल्कुल सेंटर में, 6 लोग कंट्रोल करते हैं, जैसे उस टाइम 6 लोग कंट्रोल करते थे, वैसे आज भी 6 लोग कंट्रोल कर रहे हैं.

'आप अन्नदाता को चक्रव्यूह से निकलने नहीं देते'

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राहुल गांधी के इस बयान पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला उन्हें टोकते हुए याद दिलाते हैं कि जो शख्स इस सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम न लिया जाए. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर वो चाहते हैं कि वो अजित डोभाल, अडानी और अंबानी का नाम न लें तो वो नहीं लेंगे. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश की जनता को मोदी सरकार ने चक्रव्यूह में फंसा दिया है, इसमें किसान और युवा सबसे ज्यादा पीड़ित हैं.

उन्होंने कहा, 'अन्नदाता, जिनको आप इस चक्रव्यूह से निकलने नहीं देते हो, उन्हें आपने कुछ नहीं दिया. उन्होंने एक चीज मांगी थी...एमएसपी. आपने उनको बॉर्डर पर बंद कर दिया. आजतक रोड बंद है, कोई उनसे बात करने को तैयार नहीं, वो यहां मुझसे मिलने आए तो आप उनको अंदर नहीं आने दे रहे. 

'मैं आपको फैक्ट बताता हूं सर'

इस पर स्पीकर ने कहा कि आप सदन में असत्य नहीं कहेंगे. राहुल बोले, 'मैं आपको फैक्ट बताता हूं.' स्पीकर ने कहा, 'आप अपने सदस्यों से कह दें कि वो सदन पर आरोप ना लगाएं. मैं रिकॉर्ड से बोलता हूं.' राहुल गांधी ने कहा, 'मुझसे मिलने फार्मर का डेलिगेशन आया, मुझे बताया गया कि किसानों को अंदर नहीं आने देंगे, मैं उनसे मिलने जब गया तब उनको अंदर आने दिया गया था. ये फैक्ट है. अब पता नहीं कोई मिसकम्युनिकेशन हुआ हो, वो अलग बात है. लेकिन फैक्ट ये है कि जब मैं मीडिया के साथ वहां गया तब संसद के दरवाजे उनके लिए खुले.' 

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'सदन की मर्यादा का उल्लंघन हुआ'

ओम बिरला ने कहा, 'ऐसे तो सदन की व्यस्तताओं पर सवाल नहीं उठाना चाहिए. किसको आने दें और किसको न आने दें ये स्पीकर का ज्यूरिडिक्शन होता है. जब ये सूचना आई, आप उनसे मिले, लेकिन उसमें सदन की मर्यादा का उल्लंघन हुआ. सदस्य के अलावा, सदन में दूसरा व्यक्ति बाइट नहीं दे सकता और आपकी मौजूदगी में उन्होंने बाइट दी. राहुल ने कहा कि ये टेक्निकैलिटी है, ये मुझे मालूम नहीं थी.

स्पीकर के इसी बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल उठाया और संसद में अभिनेत्रियों के फोटो X पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'इन अभिनेत्रियों को बाइट देने की अनुमति है लेकिन किसानों को नहीं! क्यों? यह देश एक्टर का है, अन्नदाता का नहीं? ये तस्वीरें सितंबर 2023 की हैं, जब बहुत सारे फिल्म स्टार्स को संसद बुलाया गया था नई संसद देखने तब भी सभापति ओम बिरला जी ही थे.'

बीजेपी ने चक्रव्यूह को हिंदू धर्म के अपमान से जोड़ा

राहुल गांधी की सिर्फ स्पीकर से ही नोंकझोंक नहीं हुई बल्कि उनके बयान पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी राहुल गांधी के बयान की निंदा की. उन्होंने कहा, 'मैं ये समझता हूं कि संसद के अंदर 140 करोड़ जनता के प्रतिनिधि लोकसभा में बैठते हैं. लोकसभा की कार्यवाही परंपराओं और नियमों से चलती है. राहुल गांधी को बार-बार याद दिलाया गया है कि जो भी आप बात करें नियमों से करें. लेकिन नियम को ताक पर रखकर अनाप-शनाप बातें की हैं. सदन, संविधान और देश से ऊपर कोई नहीं हो सकता है. राहुल गांधी ने अपने पद की गरिमा का ख्याल भी नहीं रखा है.'

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राहुल ने जिस तरह चक्रव्यूह को पद्मव्यूह बताते हुए उसे एक उल्टे कमल की तरह बताया उसकी बीजेपी ने निंदा करते हुए इसे हिंदू धर्म के अपमान से जोड़ दिया जिससे राहुल ने इनकार कर दिया. लेकिन राहुल ने ये साफ कर दिया कि वो सरकार को अपने एजेंडे के आधार पर घेरते रहेंगे.

राहुल बोले- मिडिल क्लास पर 'टैक्स टेररिज्म' की मार

बजट को प्रधानमंत्री मोदी ने जहां मध्यमवर्ग को मजबूत करने वाला बताया वहीं राहुल गांधी ने इसे 'टैक्स टेररिज्म' बताते हुए मिडिल क्लास पर मार बताया. बजट में इस बार सोना चांदी, म्युचुअल फंड, शेयर बाजार और संपत्ति में निवेश करने वालों पर शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का बोझ बढ़ाया गया है. इससे टैक्स का पूरा गणित बदल गया है. इसी को लेकर राहुल ने सरकार को घेरा लेकिन प्रधानमंत्री मोदी दावा करते रहे हैं कि उन्होंने ही मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाया हैय

बीजेपी के वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश में राहुल

कांग्रेस ने ग्रामीण और अर्ध शहरी सीटों पर बीजेपी के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है. ग्रामीण इलाकों में जहां बीजेपी को 2019 के मुकाबले 49 सीटों का नुकसान हुआ है तो वहीं अर्ध शहरी सीटों पर बीजेपी को पिछले चुनाव के मुकाबले 10 सीटें कम मिली हैं लेकिन ये बढ़त शहरी सीटों पर उतनी ज्यादा नहीं है. 2019 में बीजेपी का देश की 35 शहरी सीटों पर कमल खिला था जो अब 4 सीट घटकर 31 हो गया है. राहुल की कोशिश बीजेपी के इसी सबसे मजबूत वोटबैंक में सेंध लगाने की है, जिसके लिए वो मध्यम वर्ग को 'टैक्स टेररिज्म' में घिरा बता रहे हैं.

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(इनपुट: आजतक ब्यूरो)

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