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कृषि कानून के खिलाफ पंजाब के किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा है. किसान संगठनों के अलावा अब इस मसले को राजनीतिक दल भी लपक रहे हैं. कांग्रेस कृषि कानून के मसले पर ऑनलाइन कैंपेन चला रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट कर मोदी सरकार को इसी मसले पर घेरा.
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मोदी सरकार ने किसान पर अत्याचार किए- पहले काले क़ानून फिर चलाए डंडे लेकिन वो भूल गए कि जब किसान आवाज़ उठाता है तो उसकी आवाज़ पूरे देश में गूंजती है’.
मोदी सरकार ने किसान पर अत्याचार किए- पहले काले क़ानून फिर चलाए डंडे लेकिन वो भूल गए कि जब किसान आवाज़ उठाता है तो उसकी आवाज़ पूरे देश में गूंजती है।
किसान भाई-बहनों के साथ हो रहे शोषण के ख़िलाफ़ आप भी #SpeakUpForFarmers campaign के माध्यम से जुड़िए। pic.twitter.com/tJ8bry6QWi
कांग्रेस नेता ने इसी के साथ अपील करते हुए कहा कि किसान भाई-बहनों के साथ हो रहे शोषण के ख़िलाफ़ आप भी #SpeakUpForFarmers कैंपेन के माध्यम से जुड़िए.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मसले पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि नाम किसान कानून लेकिन सारा फायदा अरबपति मित्रों का... किसान कानून बिना किसानों से बात किए कैसे बन सकते हैं? उनमें किसानों के हितों की अनदेखी कैसे की जा सकती है? सरकार को किसानों की बात सुननी होगी. आइए मिलकर किसानों के समर्थन में आवाज उठाएं.
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राहुल गांधी इससे पहले भी लगातार कृषि कानून को गलत करार दे चुके हैं और ट्विटर के जरिए सरकार पर निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कृषि कानून के खिलाफ ट्रैक्टर यात्रा की भी अगुवाई की थी, जो पंजाब से दिल्ली तक तीन दिनों तक चली थी.
कृषि कानून के मसले पर कांग्रेस लगातार सरकार को घेर रही है और किसानों से बात करते हुए उनकी मांग पूरी करने को कह रही है. कांग्रेस का कहना है कि मोदी जी तीनों खेती विरोधी काले कानूनों को ‘सस्पेंड’ करने की फौरन घोषणा करें, साथ ही किसानों के खिलाफ दर्ज सभी 12 हजार मुकदमे बगैर शर्त वापस लेने की घोषणा करें.
हालांकि, आंदोलन करने वाले किसानों ने साफ किया है कि वो अपने मंच पर किसी राजनीतिक दल को जगह नहीं देंगे. साथ ही किसी नेता को भी उनके मंच से नहीं बोलने देंगे. किसानों की ओर से दिल्ली के सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर समेत अन्य सीमाओं पर प्रदर्शन किया जा रहा है.