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मणिपुर से भटकी संसद फ्लाइंग किस पर अटकी: दिन भर, 9 अगस्त

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बीच कल से एक सवाल था कि राहुल गांधी कब बोलेंगे. सारे कयासों पर विराम लगाते हुए वो बोले, राहुल के भाषण के हाईलाइट्स क्या रहे, इसकी टाइमिंग कितनी सही रही, सरकार को उन्होंने घेरा, लेकिन ख़ुद कैसे घिर गए, गरीबों को मुफ्त इलाज की गारंटी देने वाली मोदी सरकार की योजना आयुष्मान भारत में स्कैम हुआ है - CAG की रिपोर्ट ऐसा कहती है. किस तरह करप्शन हुआ है इसमें, कितना बड़ा है ये और सरकार को कितना परेशान करने वाला है, चंदन तस्कर के नाम से कुख़्यात वीरप्पन अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसके ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री आई है. जिससे लोगों में उसके साथियों और परिवार वालों के बारे में जानने की उत्सुकता है. तो वीरप्पन की बेटियों के बारे में बताएँगे आपको, कहाँ हैं वो और क्या कर रही है, एक रिपोर्ट कहती है कि चीन की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. क्या वाकई ऐसा है और अगर है तो इसका ग्लोबल इम्पैक्ट क्या होने वाला है, सुनिए 'दिन भर' में, जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.

DB DB
चेतना काला
  • ,
  • 09 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी कब बोलेंगे, इसको लेकर परसों से ही क़यास लगाए जा रहे थे. राहुल गाँधी का वो भाषण आज हुआ. अपने भाषण की शुरुवात उन्होंने रूमी के इस कोट से की. राहुल ने सरकार को ताना मारते हुए कहा कि वो आज अडानी के मुद्दे पर बात नहीं करेंगे. लेकिन उन्होंने ज़िक्र किया अपनी भारत जोड़ो यात्रा का और मणिपुर का.

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राहुल के भाषण के बाद बीजेपी सांसद और और मिनिस्टर ऑफ़ वुमन एंड चाइल्ड डेवेलपमेंट स्मृति ईरानी ने उनका जवाब दिया. कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखे हमले किये.

इसके बाद आज संसद में गृह मंत्री अमित शाह का भी  भाषण  हुआ. अपने भाषण में अमित शाह बोले कि देश में यात्रा मैंने भी की है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रति न- जनता को अविश्वास है न सदन को अविश्वास है. इसका उद्देश्य जनता में भ्रांति पैदा करना है. अपने भाषण में उन्होंने UPA पर भी निशाना साधा.

लेकिन इन सब भाषणों से इतर आज हेडलाइंस में आया राहुल गाँधी का सदन में फ्लाइंग किस देना.  दरअसल, जब राहुल गांधी सदन से बाहर निकल रहे थे तो उस वक्त उनके कुछ कागज गिर गए। जिनको उठाने के लिए वह नीचे झुके तो बीजेपी के सांसद हंसने लगे. इस पर राहुल ने उनकी तरफ फ्लाइंग किस का जेस्चर किया, सुनिए 'दिन भर' में 

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साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की धरती से आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी. सरकार का दावा है कि आयुष्मान भारत दुनिया भर में हेल्थ केयर सेक्टर की सबसे बड़ी योजना है. इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के पाँच लाख रुपए तक का इलाज का पैसा सरकार देती है. लेकिन इसमें एक बड़ी धांधली हुई है. CAG यानी Comptroller and Auditor General of India की एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है. इस योजना से जुड़े आंकड़ों को खंगालने पर CAG को इस गड़बड़ी का पता चला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर, 2018 से मार्च, 2021 तक साढ़े 7 लाख लोगों ने एक ही फोन नंबर से अपना रेजिस्ट्रैशन करवाया है. ये फोन नंबर ऐसे हैं जो देखकर ही फ़र्ज़ी लगते हैं. जैसे किसी नंबर में 10 बार 9 ही लिखा है, किसी नंबर में 10 बार 8 ही लिखा है और ऐसी लाखों एंट्रीज हैं. लेकिन झोल इतना भर ही नहीं है. फैमिली साइज़ यानि आपके परिवार में कितने लोग है .. इसमें भी गड़बड़ी है.  लगभग 43 हज़ार परिवार ऐसे रजिस्टर हुए हैं जिनके सदस्यों की संख्या 11 से 201 तक जाती है. अब सवाल उठता है कि एक ऐसी योजना जिसके बारे में सरकार ने ख़ूब ढिंढ़ोरा पीटा, हर चुनाव में इसका प्रचार किया, उसमें ऐसी गड़बड़ी का होना, क्या सरकार के लिए एक सेटबैक नहीं है? सुनिए 'दिन भर' में

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हाल ही में दक्षिण भारत के कुख्यात चंदन तस्कर, डकैत और हत्यारे कूज मुनिस्वामी वीरप्पन पर एक डॉक्युमेंट्री सीरीज़ नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई है- इसका नाम है- The hunt for Veerappan. इस डॉक्युमेंट्री में वीरप्पन से जुड़े लोगों, उसके करीबियों और उसे ख़त्म करने के ऑपरेशन में शामिल लोगों से बातचीत के आधार पर उसकी पूरी कहानी कही गई है. 18 अक्टूबर, 2004 को ऑपरेशन कोकून के तहत एसटीएफ ने वीरप्पन को मार गिराया था. इस सीरीज़ के बाद वीरप्पन और उसकी कहानी में शामिल लोगों के बारे में जिज्ञासा सोशल मीडिया पर भी दिख रही है, लोग खोज रहे हैं कि वे लोग अब कहां हैं, जो कभी उसके ख़ास थे. चंदन तस्कर अपने पीछे पत्नी और दो बेटियां छोड़ कर गया है. विद्या रानी और प्रभा. दोनों बेटियों को अपना पिता का ज़्यादा साथ नहीं मिला. लेकिन उनकी बड़ी बेटी विद्या वीरप्पन अब राजनीति में हैं. किस पार्टी की राजनीति कर रही हैं वो और क्यों एक विरोधाभास उसमें दिखता है, सुनिए 'दिन भर' में

 

चीन दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रोडक्शन करने वाला देश है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनोमी भी. लेकिन ताज़ा तस्वीर थोड़ी अलग है. चीन सरकार के आंकड़ों को स्टडी करने के बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि चीन इस वक़्त डिफ्लेशन की जद में है. डिफ्लेशन क्या है ये समझ लेते हैं पहले. इंफ्लेशन का ठीक उल्टा टर्म है ये. जब कोई देश ऐसी स्थिति में हो जहां चीजों के दाम घटने लगें और लोगों की पर्चेजिंग पॉवर इस वजह से बढ़े कि मार्केट में अधिकतर चीजों के दाम घट गए हों. इसे कहते हैं डिफ्लेशन. सुनने में तो आपको अच्छी स्थिति लग रही होगी लेकिन किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए ऐसी स्थिति मंदी की भी आहट हो सकती है.

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2021 से जापान के बाद चीन दूसरा जी20 देश है जो डिफ़्लेशन की जद में है. हालांकि चीन अब तक इससे इनकार कर रहा है. साजिश बता रहा है लेकिन सीपीआई यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में .50 परसेंट की गिरावट, एक्सपोर्ट में पिछले साल के मुकाबले 14.5 प्रतिशत की कमी- ऐसे ढेरों नंबर्स हैं जो इसकी तस्दीक कर रहे हैं, सुनिए 'दिन भर' में

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