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रेलवे ट्रैक क्लीयर, ट्रेनें भी गुजरने लगीं, मालगाड़ी के ड्राइवरों के खिलाफ शिकायत..., बंगाल रेल हादसे में मरने वालों की संख्या भी 10 हुई

पश्चिम बंगाल में जिस जगह पर रेल हादसा हुआ था, वहां 20 घंटे से ज्यादा समय तक मरम्मत कार्य चला. उसके बाद ट्रेन का परिचालन सामान्य हो गया है. साइट पर अप और डाउन दोनों लाइनें चालू हो गई हैं. दुर्घटनास्थल को साफ कर दिया गया है. सोमवार सुबह कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी थी.

कंचनजंगा एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर के बाद बंगाल में दुर्घटनास्थल की अप और डाउन दोनों लाइनें बहाल कर दी गई हैं. (फोटो- आजतक) कंचनजंगा एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर के बाद बंगाल में दुर्घटनास्थल की अप और डाउन दोनों लाइनें बहाल कर दी गई हैं. (फोटो- आजतक)
aajtak.in
  • सिलीगुड़ी,
  • 18 जून 2024,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में जिस जगह पर रेल हादसा हुआ था, वहां 20 घंटे से ज्यादा समय के बाद ट्रेन परिचालन फिर से शुरू हो गया है. साइट पर अप और डाउन दोनों लाइनें अब सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं और बहाली का काम पूरा हो चुका है. हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. वहीं, यात्री की शिकायत पर मालगाड़ी के दोनों पायलट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

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दरअसल, सोमवार को एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी. दुर्घटना के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था या उनका मार्ग बदल दिया गया था. हादसे में 9 लोगों मारे गए थे और 41 लोग घायल हो गए थे. इनमें मालगाड़ी का ड्राइवर और पैसेंजर ट्रेन का गार्ड शामिल था. मंगलवार को एक और यात्री की जान चली गई. ये हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था. मरने वालों की कुल संख्या अब 10 हो गई है.

भक्तिनगर थाने में यात्री ने दर्ज कराई शिकायत

वहीं, मालगाड़ी के मृत लोको पायलट के खिलाफ शिकायत की गई है. इससे पहले रेलवे ने भी हादसे में लोको पायलट की लापरवाही बताई थी और सिग्नल की अनदेखी किए जाने का दावा किया था. मंगलवार को चैताली मजूमदार ने सिलीगुड़ी जिले के भक्तिनगर थाने में मालगाड़ी के लोको पायलट और सह-लोको पायलट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. चैताली 17 जून को कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रही थीं. उन्होंने कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर मारने वाली मालगाड़ी के स्टाफ को दोषी ठहराया है.

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इधर, दुर्घटनास्थल पर ट्रैक की सफाई और मरम्मत कार्य के बाद कंचनजंगा एक्सप्रेस मंगलवार सुबह 3.16 बजे कोलकाता के सियालदह में अपने गंतव्य पर पहुंची. डैमेज बोगियां ट्रैक से हटा दी गई हैं.

क्या लापरवाही आई सामने?

शुरुआती तौर पर रेलवे बोर्ड ने कहा था कि मालगाड़ी के ड्राइवर ने सिग्नल का उल्लंघन किया, जिससे भीषण टक्कर हुई. हालांकि, बाद में इंटरनल डॉक्यूमेंट्स से पता चला कि जिस जगह दुर्घटना हुई, वहां ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम सोमवार सुबह से काम नहीं कर रहा था. ड्राइवर को रेड सिग्नल पार करने की मंजूरी दी गई थी. सूत्रों का कहना है कि ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम सोमवार सुबह 5.30 बजे से खराब हो गया था. इसी कारण सुबह 8.30 बजे रंगपानी स्टेशन से चली कंचनजंगा एक्सप्रेस रानीपात्रा और छत्तर हाट स्टेशन के बीच रुक गई. नियम है कि जब ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम फेल हो जाता है तब स्टेशन मास्टर टीए-912 नामक लिखित अथॉरिटी जारी करता है. इससे ड्राइवर सभी रेड सिग्नल पार कर सकता है. हालांकि, इस दौरान उसे 10 किमी प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेन आगे बढ़ानी होती है. इतना ही नहीं, हर खराब सिग्नल के पहले एक मिनट गाड़ी रोकनी पड़ती है.

कंचनजंगा ट्रेन हादसे के बाद अब क्या अपेडट...?

- मंगलवार तड़के कंचनजंगा एक्सप्रेस सियालदह पहुंची तो हादसे में बाल-बाल बचे यात्रियों को बेहद भावुक और कुछ को रोते हुए देखा गया. कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने एक यात्री का हौसला बढ़ाया. ये यात्री काफी रो रहा था. हकीम ने स्टेशन से बाहर निकलते समय अन्य यात्रियों से भी बातचीत की.
-  सिलीगुड़ी उपमंडल में दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके में दुर्घटनास्थल पर अप और डाउन दोनों लाइनों पर ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू हो गईं. दिन में अप लाइन पर कामाख्या एक्सप्रेस ट्रेन को गुजरते देखा गया. बाद में डाउन लाइन भी बहाल कर दी गई.

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-  कटिहार पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) सुभेंदु कुमार चौधरी ने कहा, दुर्घटनास्थल पर सोमवार से मरम्मत का काम चल रहा है. आज ही परिचालन सामान्य होने की उम्मीद है.
-  पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) में भर्ती घायल यात्रियों से मुलाकात की. उन्होंने रेलवे की उपेक्षा के लिए केंद्र की आलोचना की और कहा, वे सिर्फ वंदे भारत ट्रेनों के प्रचार में लगे हुए हैं. जब मैं रेल मंत्री थी तो 2-3 बड़ी ट्रेन दुर्घटनाओं को देखते हुए सुनिश्चित किया कि टक्कर-रोधी उपकरण तैयार किया जाए और शुरू किया जाए.
-  बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर पलटवार किया. मजूमदार ने सोमवार को घायल यात्रियों से मुलाकात के बाद कहा, यह राजनीति का समय नहीं है. एक मुख्यमंत्री होने के नाते ममता बनर्जी का यह दावा करना कि उन्होंने टक्कर रोधी उपकरण के लिए प्रयास किए, ये बिल्कुल हास्यास्पद है.
- सियालदह में मंडल रेल प्रबंधक दीपक निगम ने कहा, कंचनजंगा एक्सप्रेस के यात्रियों की सहायता के लिए स्टेशन पर डॉक्टरों और रेलवे सुरक्षा बल की टीमों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया, हमारे पास स्टैंडबाय पर एंबुलेंस भी हैं. अगर जरूरत पड़ी तो हम उनका इस्तेमाल करेंगे. यात्रियों की मदद के लिए मेडिकल बूथ भी यहां हैं.

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- रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन जया वर्मा सिन्हा ने सोमवार को कहा, टक्कर इसलिए हुई क्योंकि मालगाड़ी के ड्राइवर ने सिग्नल पार कर कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर मार दी. कंचनजंगा एक्सप्रेस के एक गार्ड कोच और दो पार्सल वैन क्षतिग्रस्त हो गए.
-  केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्थिति का जायजा लेने के बाद कहा, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है. हालांकि, कांग्रेस ने मंत्रालय के कुप्रबंधन को जिम्मेदार बताया और वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है.
-  मृतकों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की गई है. इस बीच, अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली चोटों वाले लोगों को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की.

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