
आरएलपी का गढ़ कहे जाने वाले खींवसर में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत दर्ज करके हनुमान बेनीवाल के इस गढ़ को धाराशाई कर दिया है. खींवसर सीट पर बीजेपी की इस जीत के साथ ही विधानसभा में आरएलपी जीरो सीट पर आ गई है. बीजेपी के प्रत्याशी रेवत राम डांगा ने 13870 वोटों से शानदार जीत दर्ज की है. वर्ष 2008 के बाद यह पहला मौका है जब बेनीवाल के हाथ से खींवसर की सीट निकली है.
पीछे रह गईं कनिका बेनीवाल
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी जश्न मना रही है. पूरे नागौर जिले भर में बीजेपी के कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं क्योंकि खींवसर के इस उप चुनाव में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी. हर हाल में चुनाव जीतने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की और नतीजा भी बीजेपी के अनुकुल रहा.
डांगा ने कहा- यह जनता की जीत है
खींवसर के उपचुनाव में बीजेपी की इस जीत के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए रेवत राम डांगा ने कहा कि यह खींवसर की आम जनता की जीत है. हनुमान बेनीवाल द्वारा रेवंत राम डांगा को अनपढ़ कहने के सवाल का जवाब देते हुए डांगा ने कहा कि ये उनकी भाषा है, हीन भावना है. हम ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देते. धरातल पर काम करते हैं. डांगा ने कहा कि आज खींवसर जीता है. यह आम जनता की जीत है.
'अहंकार का हुआ अंत'
बीजेपी नेता ज्योति मिर्धा ने कहा कि खींवसर के इतिहास में आज नया पन्ना जुड़ा है. यह 36 बिरादरी की जीत है. बेनीवाल को लेकर ज्योति मिर्धा ने कहा कि कुछ नेताओं को यह अहंकार था कि वो दूसरों को जिताते हैं. आज उनका अहंकार टूट गया. वो घर में ही हार गए. ज्योति मिर्धा ने कहा कि खींवसर में अब विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे.
विधानसभा में आरएलपी हुई जीरो
आरएलपी की प्रत्याशी कनिका बेनीवाल की इस हार के साथ ही विधानसभा में आरएलपी का प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है. अब विधानसभा में आरएलपी का कोई भी विधायक नहीं है. कनिका बेनीवाल की हार को उनके पति व नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल की बेहद करारी हार माना जा रहा है और राजनीतिक रूप से बड़ा नुकसान भी इसे कहा जा रहा है.
कांग्रेस की जमानत जब्त
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि कांग्रेस की प्रत्याशी डॉ. रतन चौधरी अपनी जमानत भी नहीं बचा सकीं. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 26000 से ज्यादा वोट मिले थे लेकिन इस उप चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी को मात्र 5434 वोट ही मिल पाए और कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत ही जब्त हो गई.