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गहलोत का पीएम मोदी से सवाल, रिफॉर्म मनमोहन सिंह ने भी किया, तब कोई सड़क पर नहीं आया

भारत में उदारीकरण का उदाहरण देते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री रहते हुए उदारीकरण हुए और कई बड़े फैसले लिए गए जिनकी बुनियाद पर देश की अर्थव्यवस्था टिकी है. लेकिन तब ना ही लोग सड़कों पर आए और ना ही किसी ने ठगा हुआ महसूस किया.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फोटो- पीटीआई) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फोटो- पीटीआई)
देव अंकुर
  • जयपुर ,
  • 09 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:03 PM IST
  • 'आर्थिक सुधार मनमोहन सिंह ने भी किया था'
  • 'सरकार के खिलाफ आवाज उठाना देश विरोध नहीं'

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि आखिर दिल्ली में बैठे लोगों को सोचना चाहिए कि इनके फैसलों के खिलाफ जनता क्यों चली जाती है? क्यों प्रदर्शन हो रहे हैं?

पूर्व वित्त और प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का उदाहरण देते हुए गहलोत ने कहा कि बतौर वित्त मंत्री उन्होंने बड़ा रिफॉर्म किया. प्रधानमंत्री रहते हुए भी उन्होंने कई फैसले लिए लेकिन उस समय न तो लोग सड़कों पर आए और न ही किसी ने ठगा हुआ महूसस किया. 

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अशोक गहलोत ने कृषि कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार में बैठे अधिकारी कह रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र ज्यादा है इसलिए यहां रिफॉर्म संभव नहीं हैं. 

बता दें कि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा था कि भारत में 'कुछ ज्यादा ही लोकतंत्र है' इस वजह से यहां कड़े सुधारों को लागू करना कठिन होता है.

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राजस्थान के सीएम गहलोत ने कहा कि ये बयान केवल सरकार को खुश करने के लिए है. हकीकत ये है कि यहां लोकतंत्र की आड़ में केंद्र सरकार ने सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रख कर कई कानून पास किए हैं. 
 
भारत में उदारीकरण का उदाहरण देते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री रहते हुए उदारीकरण हुए और कई बड़े फैसले लिए गए जिनकी बुनियाद पर देश की अर्थव्यवस्था टिकी है. लेकिन तब ना ही लोग सड़कों पर आए और ना ही किसी ने ठगा हुआ महसूस किया. अब ऐसा क्या कारण है कि लोगों को सड़कों पर उतरकर भारत बंद का ऐलान करना पड़ा.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता गहलोत ने कहा कि ध्रुवीकरण की राजनीति करने वाले ये लोग धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं. यह आने वाली पीढ़ियों के लिए खतरनाक है और वो इन्हें कभी माफ नहीं करेंगी. 

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज कोई भी मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे देश विरोधी करार दे दिया जाता है. इनको समझना चाहिए कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाना, अपना अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं है, लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है. 

 

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