
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव की आज ईडी के सामने पेशी है. ई़डी ने विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए वैभव को समन भेजा था. वैभव को ये समन ऐसे वक्त पर भेजा गया है, जब 25 नवंबर को राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. इसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे.
इससे पहले वैभव गहलोत 30 अक्टूबर को ईडी के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए थे. वैभव से विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में एजेंसी ने 8 घंटे तक पूछताछ की थी और उनका बयान दर्ज किया था. इस मामले में ईडी ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस नेता ओम प्रकाश हुडला के यहां भी छापेमारी की थी. एजेंसी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत वैभव गहलोत (43) को दोबारा समन जारी कर 16 नवंबर को दिल्ली दफ्तर में पेश होने के लिए कहा था.
वैभव गहलोत राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य भी हैं. वैभव ने ईडी के समन को लेकर कहा कि एजेंसी उनके खिलाफ 10-12 साल पुराने झूठे आरोप लगा रही है और वह भी चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद.
क्या है पूरा मामला?
ईडी ने सितंबर में बताया था कि ट्राइटन होटल एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और प्रमोटर शिव शंकर शर्मा और रतन कांत शर्मा के खिलाफ फेमा के तहत जांच शुरू की गई थी. रतन शर्मा वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर बताए जाते हैं. ईडी के मुताबिक, साल 2011 में होटल के 2500 शेयर खरीदकर मॉरीशस स्थित फर्म से ट्राइटन होटल्स को फंड डायवर्ट किया गया था. उस समय शेयर 39,900 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे गए थे, जबकि उस समय शेयर की कीमत 100 रुपये थी. ईडी का कहना है कि इस एफडीआई को फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए कई बार संशोधित किया गया. ईडी ने दावा किया है कि टाइटन समूह बहुत बड़े हवाला लेनदेन में शामिल रहा है.
ईडी ने सितंबर में छापेमारी कार्रवाई भी की थी. इस दौरान एजेंसी ने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा नकद, डिजिटल सबूत और कई दस्तावेज बरामद किए थे. इन दस्तावेज में ट्राइटन ग्रुप के खातों द्वारा बड़े पैमाने पर लेनदेन का पता चला था. ईडी के मुताबिक, मिले पैसों का होटल में निवेश किया गया था.