
राजस्थान की नई बीजेपी सरकार ने राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना को रद्द कर दिया है. इस योजना को 2021 में राज्य की तत्कालीन कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने शुरू किया था, जिसके तहत
रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के तहत लोगों को सरकारी पैसे पर गहलोत सरकार और कांग्रेस की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए हर जिले में नियुक्त किया गया था. इनकी संख्या लगभग दस हजार बताई जा रही है. इस योजना को 31 दिसंबर 2023 से रद्द कर दिया जाएगा.
क्या है योजना?
राजस्थान की गहलोत सरकार ने इस योजना को 2021 में शुरू किया था. इसके तहत योग्य लोगों को सरकार के साथ छह महीने की इंटर्नशिप करने का मौका मिलता था. इंटर्नशिप के बाद राजीव गांधी युवा मित्र प्रमाण पत्र दिया जाता था. इंटर्नशिप की अवधि उम्मीदवार के प्रदर्शन के आधार पर हर छह महीने में बढ़ाई जाती थी. इंटर्नशिप की अधिकतम अवधि दो साल होती थी.
आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग के मुताबिक, इस योजना का उद्देश्य घर-घर जाकर लोगों को सरकारी सेवाओं के बारे में जागरूक करना था. इस योजना से लगभग पचास हजार युवा जुड़े हुए थे, जिन्हें दस हजार रुपये तक स्टाइपैंड मिलता था.
इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि राज्य की बीजेपी सरकार पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर देगी. इस पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा था कि कांग्रेस के लोग कह रहे हैं कि हमारा काम, हमारी योजनाएं...मैं आपको बताना चाहता हूं कि हम इनमें से कोई भी योजनाएं बंद नहीं करेंगे'. मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवाएं उपलब्ध करायी जाती रहेंगी और आवश्यक दवाओं की संख्या भी बढ़ाई जाएगी.
बता दें कि राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भारी बहुमत हासिल किया था. विधानसभा की 200 सीटों में बीजेपी ने 115 पर जीत हासिल की थी. वहीं, कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई थी. इस जीत के बाद बीजेपी ने चौंकाते हुए भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया था.