
राजस्थान सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट में जानकारी दी है कि वह छात्रों को सुसाइड करने से रोकने के लिए आने वाले विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है. यह बात हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान सामने आई, जिसमें कोर्ट ने छात्र आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों पर स्वतः संज्ञान लिया था. कोर्ट ने सरकारी वकील की बात सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 10 फरवरी की तारीख तय की है.
राजस्थान में छात्रों की आत्महत्या का मामला काफी गंभीर होता जा रहा है. ऐसे मामलों में चिंता और बढ़ गई है क्योंकि जनवरी 2025 में ही अब तक कोटा में 6 कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या कर ली. इनमें से पांच छात्र इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (JEE) की तैयारी कर रहे थे, जबकि एक छात्रा मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रही थी.
इस साल कोटा में छात्रों के सुसाइड का पहला मामला 7 जनवरी को सामने आया था. इसके बाद 8 जनवरी को एक और JEE छात्र ने आत्महत्या कर ली थी. सबसे चौंकाने वाली घटना 22 जनवरी को हुई जब महज दो घंटे के अंतर पर दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली.
सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए जुलाई 2024 में ही एक विधेयक का मसौदा तैयार किया था. इस मसौदे को उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था. राज्य के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सरकार छात्रों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय करने के प्रति प्रतिबद्ध है.
प्रस्तावित विधेयक में कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय शामिल किए गए हैं. इनमें अनिवार्य रूप से मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, कक्षाओं के घंटों पर एक तय सीमा और कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेने के लिए उम्र पर सख्त प्रतिबंध जैसे उपाय शामिल हैं.
आपको बता दें कि फरवरी 2024 में केंद्र सरकार ने 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों का कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेने को प्रतिबंधित कर दिया था. हालांकि, कोचिंग संस्थानों ने राज्य सरकार से इस प्रतिबंध को विधेयक में शामिल न करने की अपील की है, क्योंकि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश लागू होने के बाद से कोचिंग में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या में करीब 30% से 40% तक की गिरावट आई है.
राजस्थान का कोटा जो कभी छात्रों के सपनों का शहर माना जाता था, आज वह सिटी छात्रों की सुसाइड के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है. इन घटनाओं ने शिक्षा प्रणाली और छात्रों पर बढ़ते दबाव को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है.
(नोट: अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आत्महत्या का ख्याल आता है, तो यह एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए, जान है तो जहान है.)