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एक राजघराने से तो दूसरा दलित परिवार से... जानें कौन हैं राजस्थान के दो डिप्टी सीएम

बीजेपी ने मंगलवार को ऐलान किया कि दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा राजस्थान के नए उपमुख्यमंत्री होंगे. एक तरफ जहां दीया कुमारी जयपुर के राजघराने से हैं. वहीं, प्रेमचंद बैरवा दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST

राजस्थान में सरकार की तस्वीर मंगलवार को साफ हो गई. बीजेपी की विधायक दल की बैठक के बाद जहां एक तरफ भजन लाल शर्मा को राज्य का नया मुख्यमंत्री घोषित किया गया.वहीं, दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा दोनों को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है.

दीया कुमारी (52) का जयपुर के राजघराने से ताल्लुक है. वह जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से विधायक हैं. वह इससे पहले लोकसभा की राजसमंद सीट से सांसद थीं. वह महारानी गायत्री देवी की पोती हैं. उन्होंने अपनी दादी गायत्री देवी के नक्शेकदम पर चलते हुए ही राजनीति में कदम रखा था.

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कौन हैं दीया कुमारी?

दीया कुमारी का संबंध जयपुर के राजघराने से हैं. वह मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में से एक मान सिंह के राजघराने से हैं. इसे पहले आमेर और बाद में जयपुर के नाम से जाना गया. इसी परिवार में जन्मे पूर्व महाराज सवाई भवानी सिंह की पत्नी का नाम पद्मिनी देवी है.

कहा जाता है कि जयपुर राजघराना खुद को भगवान राम का वंशज बताता है. जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह भगवान राम के बेटे कुश के 309वें वंशज बताए जाते हैं. राजघराने के कई लोगों ने यह बात स्वीकार भी की है.

बता दें कि महाराजा सवाई भवानी सिंह 24 जून 1970 से 28 दिसम्बर 1971 तक जयपुर के महाराजा रहे. दीया कुमारी भवानी सिंह व पद्मिनी देवी की ही इकलौती संतान हैं. भवानी सिंह का कोई बेटा नहीं था, इसलिए दीया कुमारी के बेटे को ही 2011 में अपना वारिस घोषित कर दिया गया.

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दीया कुमारी की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली और बाद में जयपुर से हुई. बाद में वह उच्च शिक्षा के लिए लंदन चली गई थीं. उन्होंने 1997 में नरेंद्र सिंह से गुपचुप तरीके से कोर्ट में शादी कर ली थी.

कौन हैं प्रेमचंद बैरवा?

मौजमाबाद तहसील के श्रीनिवासीपुरा के रहने वाले प्रेमचंद बैरवा दलित परिवार से आते हैं. दलित परिवार में जन्मे प्रेमचंद बैरवा जयपुर के दूदू सीट से बीजेपी के विधायक हैं. उन्होंने इस बार कांग्रेस के धाकड़ नेता बाबूलाल नागर के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की थी. बैरवा ने नागर को 35743 वोटों के अंतर से हराया था. विधानसभा चुनाव में बैरवा को 116561 वोट मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे बाबूलाल नागर को 80818 मत ही मिले.

उन्होंने 1995 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. उन्होंने 1995 से दूदू ब्लॉक संगठन में काम किया. बैरवा एमफिल और पीएचडी की शिक्षा हासिल कर चुके हैं. एससी मोर्चा में भाजपा के सह प्रभारी और बैरवा महासभा के अध्यक्ष के पद पर कार्यरत है. वह मौजूदा समय में पेट्रोल पंप डीलर भी है.

चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के मुताबिक, प्रेमचंद बैरवा के पास 4.83 करोड़ की संपत्ति है. इसमें से 4.45 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. उनके ऊपर 98 लाख से ज्यादा की देनदारी है.

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