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15 से ज्यादा अर्जियां खारिज, 11 साल से जेल में बंद... जानें किस बीमारी के इलाज के लिए आसाराम को मिली पैरोल

17 अप्रैल 1941 को मौजूदा पाकिस्तान के सिंध इलाके के बैरानी गांव में आसुमन थाउमल हरपलानी का जन्म हुआ. बंटवारे के बाद परिवार गुजरात के अहमदाबाद शहर में आकर बस गया. कहा जाता है कि आसुमल हरपलानी उर्फ आसाराम कभी तांगा चलाता था.

आसाराम बापू-फाइल फोटो आसाराम बापू-फाइल फोटो
aajtak.in
  • जोधपुर ,
  • 14 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:43 AM IST

राजस्थान हाई कोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू को आयुर्वेदिक अस्पताल में सात दिन तक इलाज कराने की अनुमति दे दी. आसाराम बापू पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज करा पाएगा. उसकी 15 से ज्यादा अर्जियां खारिज हो चुकी हैं. असल में आज से ठीक 11 साल पहले आसाराम को गिरफ्तार किया गया था. एक वो दिन था और आज का दिन, पिछले 11 वर्षों से आसाराम जेल में है.

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सितंबर 2013 में गिरफ्तार किए गए आसाराम (83) को हृदय संबंधी बीमारी के बाद दो दिन तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) जोधपुर में भर्ती कराया गया था. हाई कोर्ट की जोधपुर पीठ के न्यायमूर्ति पी एस भाटी और न्यायमूर्ति मुन्नुरी लक्ष्मण ने निर्देश दिया कि आसाराम सात दिनों तक पुलिस हिरासत में अस्पताल में इलाज के लिए रहेगा.

आसाराम ने इस हॉस्पिटल में इलाज के लिए किया था अनुरोध
आसाराम ने आयुर्वेदिक उपचार पर जोर दिया था और अदालत से अनुरोध किया था कि उसे विशेष रूप से पुणे के माधवबाग मल्टीडिसिप्लिनरी कार्डियक केयर क्लीनिक एवं अस्पताल में उपचार की अनुमति दी जाए. इससे पहले, इस साल मार्च में भी आसाराम ने 14 दिन के परोल के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन पुणे पुलिस की रिपोर्ट के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी. पुलिस की रिपोर्ट में अस्पताल में आसाराम के रहने के दौरान कानून-व्यवस्था को संभावित खतरे की आशंका जताई गई थी.

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इसके बाद आसाराम को जोधपुर के एक निजी अस्पताल में करीब एक 15 दिनों तक आयुर्वेदिक उपचार की अनुमति दी गई. स्वास्थ्य आधार पर सजा निलंबित करने की आसाराम की याचिका को पूर्व में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

2013 में हुआ था गिरफ्तार
आसाराम को 2013 में इंदौर में अपने आश्रम में एक किशोरी से कथित रूप से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 2018 में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत गठित विशेष अदालत ने उसे दोषी ठहराया था.

सूरत की रहने वाली पीड़िता ने लगाया था आरोप
गुजरात की एक अदालत ने जनवरी 2023 में एक महिला शिष्या से जुड़े एक दशक पुराने यौन उत्पीड़न मामले में आसाराम को दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सूरत की रहने वाली पीड़िता ने आसाराम पर 2013 में अपने आश्रम में कई बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था.

आसुमन थाउमल हरपलानी कैसे बना आसाराम? 
17 अप्रैल 1941 को मौजूदा पाकिस्तान के सिंध इलाके के बैरानी गांव में आसुमन थाउमल हरपलानी का जन्म हुआ. बंटवारे के बाद परिवार गुजरात के अहमदाबाद शहर में आकर बस गया. कहा जाता है कि आसुमल हरपलानी उर्फ आसाराम कभी तांगा चलाता था. उसने कभी सड़क किनारे चाय बेचने का काम भी किया था और कभी शराब के धंधे में भी हाथ आजमाया था.

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