
गुजरात के राजकोट का TRP गेम जोन अग्निकांड इन दिनों चर्चा में बना हुआ है. 25 मई को लगी इस आग में 27 लोगों की मौत हो चुकी है. ये आग इतनी विभत्स थी कि शव बुरी तरह से जल गए थे, जिसकी वजह से उनकी शिनाख्त नहीं हो पा रही. ऐसे में राज्य सरकार शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा ले रही है.
गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी का कहना है कि डीएनए टेस्ट के जरिए अब तक नौ शवों की पहचान की गई है. फॉरेंसिक साइंस लैब की मदद से डीएनए प्रोफाइलिंग के जरिए और भी शवों की पहचान की जाएगी.
हालांकि, डीएनए टेस्ट की इस प्रक्रिया में बहुत समय लग रहा है. इस बीच पीड़ित परिवार शव सौंपे जाने को लेकर राजकोट सिविल हॉस्पिटल के बाहर इंतजार कर रहे हैं, जिनकी सोमवार को स्थानीय पुलिस से गहमागहमी भी हुई.
गृहमंत्री सांघवी ने गांधीनगर में फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) का दौरा कर बताया कि अब तक डीएनए सैंपल्स के जरिए नौ पीड़ितों की पहचान हो चुकी है. उन्होंने कहा कि मैं अपने प्रियजनों को खोने वाले पीड़ित परिवारों के दर्द और गुस्से को समझ सकता हूं. एफएसएल चौबीसों घंटे काम कर रहा है. पूरे एफएसएल स्टाफ ने अपनी छुट्टियां और अन्य प्लान कैंसिल कर दिए हैं ताकि सभी डीएनए सैंपल्स का जल्द से जल्द मिलान किया जा सके. मैंने इस मामले में स्थिति की समीक्षा की है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी हर घंटे मामले का अपडेट ले रहे हैं.
हड्डियों के डीएनए से हो रही शवों की शिनाख्त
सांघवी ने कहा कि चूंकि बुरी तरह से जल चुके शवों का ब्लड सैंपल्स लेना मुश्किल है. ऐसे में फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स मृतकों की हड्डियों के सैंपल्स का उनके परिवारजनों के खून के सैंपल्स से मिलान कर रही है. अगर सैंपल्स को सड़क मार्ग के जरिए गांधीनगर लाया जाता है तो इसमें लगभग चार घंटे लग सकते हैं. डीएनए मैचिंग प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री ने एयर एंबुलेंस की तैनाती का आदेश दिया है.
उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब में डीएनए मैचिंग की प्रक्रिया रविवार सुबह शुरू हुई थी और तभी से 18 फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की टीम चौबीसों घंटे काम कर रही है ताकि शवों को पहचान के बाद उनके परिवार को सौंपा जा सके.
उन्होंने कहा कि ये प्रक्रिया लंबी है और ये चार चरणों में होती है. डीएनए मैचिंग के लिए मृतकों के खून या हड्डी के सैंपल को उनके परिवारजनों के खून के सैंपल्स से मैच कराया जाता है. आमतौर पर इस प्रक्रिया में लगभग 48 घंटे का समय लगता है. अब तक नौ शवों की पहचान की जा चुकी है. आठ सैंपल्स की जांच चल रही है.
राजकोट गेमजोन में 25 मई को लगी थी आग
गुजरात के राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में 25 मई को आग लग गई थी. इस घटना में अब तक 27 लोगों की मौत हुई है, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं. टीआरपी गेम जोन के छह साझेदारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है.