
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को जम्मू यूनिवर्सिटी में रक्षा कॉन्क्लेव को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को दो टूक कहा कि वह पहले अपने घर को संभाले. कश्मीर की रट लगा कर उसे कुछ हासिल नहीं होगा. इतना ही नहीं रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) हमेशा से हमारा हिस्सा है. वहां की जनता भी भारत में शामिल होना चाहती है.
राजनाथ सिंह ने कहा, भारत की सांसद में पीओके को लेकर सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित है कि वो भारत का हिस्सा था, है और रहेगा. पीओके में जो पाकिस्तान की सरकार द्वारा जुल्म किया जा रहा है. इससे भविष्य में पीओके से ही मांग उठेगी कि उन्हें भारत देश में शामिल किया जाए.
'इस तरफ लोग अमन चैन से जी रहे'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, PoK पर सिर्फ गैर कानूनी कब्जा कर लेने से पाकिस्तान की कोई लोकस स्टैंडी नहीं बनती है. उन्होंने कहा, जम्मू और कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है. वहां के लोग देख रहे है कि इस तरफ लोग अमन और चैन के साथ अपनी जिंदगी बिता रहे है. वहां जब पाकिस्तान की सरकार द्वारा उन पर जुल्म किया जाता है तो हमें तकलीफ होती है.
'अमेरिका का बदला नजरिया'
उन्होंने कहा, एक समय था, जब दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमरीका आतंकवाद को एक राजनीतिक हथियार की तरह देखता था. लेकिन 9/11 की घटना के बाद उसका नजरिया बदला और आज अमेरिका यह मानता है कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ एक वैश्विक अपराध है.
राजनाथ सिंह ने कहा, अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ Joint Statement जारी किया, उसे पढ़ने पर साफ पता चलता है कि आज भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर कैसे अमेरिका समेत पूरे विश्व की मानसिकता बदल दी है.
Joint Statement से पाक को लगेगी मिर्ची- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री ने कहा, इस जॉइंट स्टेटमेंट में साफ कहा गया है कि UN Listed Terrors Organisation जिनमें लश्कर ए तैय्यबा, जेश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दिन शामिल हैं, उनके खिलाफ संयुक्त कार्रवाई होना चाहिए. इसमें यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान अपने यहां होने वाली हर आतंकी कार्रवाई पर लगाम लगाए और अपनी जमीन का इस्तेमाल इसके लिए न होने दे. साथ ही 26/11 और पठानकोट के हमलों के दोषियों पर कार्रवाई करे.
उन्होंने कहा, इसी तरह टेरर फंडिंग को खत्म करने के लिए भी स्टेटमेंट में बात की गई है. यह छोटी कामयाबी नहीं है क्योंकि इससे यह सिद्ध हो गया है कि भारत जो कुछ भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को खत्म करने के लिए कर रहा है, वह सही दिशा में जा रहा है. स्वाभाविक है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों को इस बयान से मिर्ची लगेगी. उनकी तरफ से फिर से वहीं रटा रटाया बयान आया है कि भारत दुनिया का कश्मीर से ध्यान हटा रहा है. मैं पाकिस्तान की सरकार को स्पष्ट बताना चाहता हूं कि कश्मीर की रट लगा कर कुछ हासिल नहीं होगा. अपना घर संभालिए. जिस तरह के हालात वहां है उसमें कुछ भी हो जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
चीन पर क्या बोले रक्षा मंत्री?
उन्होंने कहा, साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में जो विवाद पैदा हुआ, उसकी वजह थी कि चीन की सेनाओं ने तय प्रोटोकॉल को नजरअंदाज किया था. चीनी सेना पीएलए ने अनैतिक तरीके से LAC पर कुछ बदलाव करने का प्रयास किया, जिसे हमारे सैनिकों ने विफल कर दिया. गलवान की उस घटना को तीन वर्ष बीत चुके हैं, मगर जिस शौर्य, पराक्रम और साथ में संयम का परिचय भारतीय सेना ने दिया है, वह देश कभी भूल नहीं सकता और आने वाली पीढ़ियां भी उन जांबाज सैनिकों पर गर्व करेंगी.
राजनाथ सिंह ने कहा, मुझे तकलीफ तब होती है, जब सरकार को कटघरे में खड़े करने के प्रयास में हमारे देश के सैनिकों के पराक्रम पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया जाता है. भारतीय सेनाओं की प्रतिष्ठा उनकी बहादुरी और उनकी निष्ठा पर भारतवासियों को नाज है . भारत और चीन के बीच सीमा के विवाद का हल बातचीत के रास्ते और शान्तिपूर्ण ढंग से हो, हम यही चाहते हैं. सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है. मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम भारत की सीमा, उसके सम्मान और स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगे. सीमाओं की पवित्रता को हम कतई भंग नहीं होने देंगे.