
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में बुधवार को गर्मा-गर्म बहस हुई. कई मौकों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य आमने-सामने, एक-दूसरे की बात पर आपत्ति जताई और हंगामा किया. कुछ ऐसे मौके भी आए जब सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष के सांसद हों या विपक्ष के, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ हों या सदन में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हर किसी के चेहरे पर मुस्कान तैर गई.
सबसे ज्यादा गर्मा-गर्मी और हल्के-फुल्के अंदाज, दोनों ही मौके राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संबोधन के दौरान देखने को मिले. मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्नाटक दौरे, अपने इलाके कलबुर्गी में दो-दो मीटिंग को लेकर चुटकी ली कि मेरा ही क्षेत्र मिला. इस पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा. जगदीप धनखड़ भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए और ये भी कहा कि आज यहां मौसम अच्छा है.
इसके बाद हंगामा तब शुरू हुआ जब मल्लिकार्जुन खड़गे पीएम मोदी, सरकार, गुजरात मॉडल को लेकर एक के बाद एक आरोप की बौछार करने लगे. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताते हुए हंगामा शुरू कर दिया. सभापति जगदीप धनखड़ खड़े हुए और मल्लिकार्जुन खड़गे से अपने आरोप को ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा.
जगदीप धनखड़ के इतना कहना था कि इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे की हर बात, हर आरोप के बाद विपक्ष के खेमे से ये आवाज भी आने लगी कि इसको भी ऑथेंटिकेट करें क्या. सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना संबोधन पूरा किया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने संबोधन के अंत में जेपीसी जांच की मांग उठा दी. अडानी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि जेपीसी जांच होनी चाहिए.
इसके बाद जगदीप धनखड़ ने चुटकी लेते हुए कहा कि आप मुझ पर भी जेपीसी बैठा दोगे. राज्यसभा के सभापति का इतना कहना था कि सत्ता पक्ष, विपक्ष के सांसद और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए. मल्लिकार्जुन खड़गे के संबोधन के दौरान ऑथेंटिकेट करें क्या की आवाज का जिक्र किया बिना सभापति ने ऑथेंटिकेशन को लेकर भी अपनी बात कही.
जगदीप धनखड़ ने कहा कि एक बात जो मैंने कही, ऑथेंटिकेशन के लिए क्यों कही. उन्होंने कहा कि ये संस्कृति नहीं हो सकती कि 'न खाता न बही, मैं कहूं सो सही', ये नहीं हो सकता. जगदीप धनखड़ भी कार्यवाही के दौरान कई बार शायराना मूड में नजर आए.