
राज्यसभा में बुधवार को किसानों के मुद्दे पर हंगामा हुआ. कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने किसानों को एमएसपी की लीगल गारंटी के मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा के लिए नोटिस दिया था. सभापति ने नोटिस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी. इसके बाद विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी पर सभापति जगदीप धनखड़ भड़क गए.
सभापति ने विपक्षी सदस्यों पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आप ड्रामा कर रहे हो. सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि किसानों की समस्या का समाधान घड़ियाली आंसू बहाने से नहीं होगा. उन्होंने कहा कि आप किसानों की समस्या का समाधान नहीं चाहते. किसान आपकी अंतिम प्राथमिकता है.
सभापति ने कहा कि सदन में पांच दिन कामकाज नहीं हो सका. नियम 267 के तहत नोटिस की वजह से कार्यवाही नहीं चल सकी और इनमें से एक भी नोटिस किसानों के मुद्दे पर नहीं था. अब घड़ियाली आंसू बहा रहे हो. उन्होंने सदस्यों को नेम करने की चेतावनी भी दी. सभापति ने सदन की कार्यवाही जारी रखी.
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कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अन्नदाता पर लाठियां चल रही हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य का जो वादा किया गया था, वह नहीं पूरे हुए. ये सरकार किसानों की दुश्मन है. सरकार को निर्देश दीजिए कि जो वादे किसानों के लिए किए गए थे, वे पूरे करें. प्रमोद तिवारी के बयान के बाद जयराम रमेश ने कुछ कहा. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ भड़क गए.
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सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जयरामजी, मेरी जबान मत खुलवाइए. उन्होंने प्रमोद तिवारी को संबोधित करते हुए कहा कि आपको अनुमति दी, इसलिए कि डेकोरम बना रहे. डिबेट में इंटर नहीं करना चाहता. सभापति ने इसके बाद आम आदमी पार्टी के पंजाब से सांसद अशोक मित्तल से बैंकिंग से जुड़े विषय पर बोलने के लिए कहा. इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया.