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राकेश अस्थाना: चारा घोटाला-सुशांत केस और CBI विवाद, हमेशा सुर्खियों में रहे हैं दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर

राकेश अस्थाना को दिल्ली का पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) बनाया गया है. मंगलवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका आदेश जारी किया, इससे पहले राकेश अस्थाना सीमा सुरक्षा बल (BSF) के डीजी के तौर पर काम कर रहे थे. 

दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बने राकेश अस्थाना (फोटो: PTI) दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बने राकेश अस्थाना (फोटो: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 10:37 AM IST
  • दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बने राकेश अस्थाना
  • अभी बीएसएफ डीजी पद पर थे तैनात

गुजरात कैडर के चर्चित अफसर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) को एक और बड़ी जिम्मेदारी मिली है. राकेश अस्थाना को दिल्ली का पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) बनाया गया है. मंगलवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका आदेश जारी किया, इससे पहले राकेश अस्थाना सीमा सुरक्षा बल (BSF) के डीजी के तौर पर काम कर रहे थे. 

गुजरात कैडर, 1984 बैच के अफसर राकेश अस्थाना अगले एक साल (31 जुलाई, 2022) तक दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बने रहेंगे. दिल्ली पुलिस सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है, ऐसे में अगले एक साल राकेश अस्थाना पर हर किसी की नज़र रहेगी. 

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चारा घोटाले मामले में पूछताछ हो या फिर सुशांत केस से जुड़े ड्रग्स विवाद की जांच की अगुवाई हो, राकेश अस्थाना हमेशा ही सुर्खियों में रहे हैं. राकेश अस्थाना के करियर से जुड़ी कुछ अहम बातें यहां जानें...

•    9 जुलाई, 1961 को जन्मे राकेश अस्थाना गुजरात कैडर के 1984 बैच के IPS अफसर हैं. राकेश अस्थाना ने दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की हुई है. 

•    बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से जुड़े चारा घोटाला मामले को लेकर राकेश अस्थाना सबसे पहले सुर्खियों में आए थे. जब ये मामला सामने आया था, तब राकेश अस्थाना की उम्र 35 वर्ष थी और उन्होंने लालू यादव से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की थी. उनकी अगुवाई में दाखिल चार्जशीट के बाद ही लालू यादव को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. 

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अभी बीएसएफ डीजी पद पर तैनात थे राकेश अस्थाना (PTI)


•    साल 2002 में गोधरा कांड (Godhra Case) की जांच भी राकेश अस्थाना ने की थी. 2002 में साबरमती एक्सप्रेस में जो आग लगाई गई थी, उस मामले की जांच की जिम्मेदारी राकेश अस्थाना को मिली थी. साथ ही 2008 में अहमदाबाद में हुए बम ब्लास्ट की जांच में भी राकेश अस्थाना शामिल रहे थे. ये दोनों ही मामले तब के हैं जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. 

•    साल 2014 में जब आसाराम बापू और नारायण साईं का मामला सामने आया, तब राकेश अस्थाना को इसकी जांच सौंपी गई थी. नारायण साईं जब लंबे वक्त तक फरार रहा, तब राकेश अस्थाना की अगुवाई में ही उसे पकड़ा गया था. 


•    2016 में राकेश अस्थाना के करियर में कई विवाद साथ जुड़ते गए, जब उन्हें सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया था. उनपर घूसखोरी का आरोप लगा था, लेकिन कोर्ट से बाद में क्लीन चिट मिल गई थी. 

•    इसके बाद साल 2018 में राकेश अस्थाना और आलोक वर्मा के बीच हुई विवाद ने काफी चर्चा बटोरी थी, तब देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के शीर्ष अफसर खुलेआम एक-दूसरे के खिलाफ थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था. ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था, लेकिन लंबी सुनवाई के बाद फरवरी 2020 में राकेश अस्थाना को क्लिन चिट मिल गई थी. उसी के बाद बीएसएफ डीजी के तौर पर उनकी वापसी भी हुई थी. 

•    बीएसएफ डीजी के तौर पर नियुक्ति के बाद राकेश अस्थाना फिर सुर्खियों में रहे थे. जब उनके अंतर्गत आने वाली एनसीबी ने फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में जांच शुरू की. इस केस ने बॉलीवुड में हलचल मचा दी थी, कई बड़े स्टार्स से पूछताछ की गई थी. अब एक बार फिर दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनकर राकेश अस्थाना एक्शन में लौटे हैं. 

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