
दिग्गज शेयर कारोबारी और निवेशक राकेश झुनझुनवाला का निधन (Rakesh Jhunjhunwala passes away) हो गया है. वे 62 साल के थे. बीते 2-3 हफ्ते पहले ही झुनझनवाला को मुंबई के एक हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया था. रविवार सुबह 6.45 बजे उन्होंने मुंबई के ब्रिच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली. राकेश झुनझुनवाला को शेयर मार्केट का बिग बुल माना जाता था. उन्हें अपनी जिंदगी को अपने ही तरीके से जीने वाले इंसान के तौर पर पहचाना गया. राकेश झुनझुनवाला ने 10 महीने पहले इंडिया टुडे के साथ बातचीत में खुद कहा था कि जोखिम ही जिंदगी का सार है. बिना जोखिम उठाए सफलता की उम्मीद नहीं कर सकते हैं.
अक्टूबर 2021 में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में आए अरबपति निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने खुलकर अपनी जर्नी शेयर की. झुनझुनवाला ने कहा था- जोखिम जीवन का सार है. यदि आप जोखिम नहीं उठाते हैं, तो आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने शेयर बाजारों में वैश्विक रुझानों के बारे में भी बताया था.
खुद सीखना और आगे बढ़ना होता है
झुनझुनवाला ने कहा था कि शेयर बाजार जोखिम से भरे होते हैं. हालांकि, जोखिम ही जीवन का सार है. यदि आप जोखिम नहीं लेते हैं, तो आप कुछ भी नहीं कर पाएंगे. एक निवेशक को जोखिम लेने की जरूरत होती है. मार्केट और खाना बनाना नहीं सिखाया जा सकता. इसे खुद सीखना है और आगे बढ़ना होता है.
जहां जोखिम है, वहां अवसर भी है...
राकेश झुनझुनवाला कहते थे कि ज्यादातर निवेशक शेयरों में निवेश करने की सलाह देने वालों की नहीं सुनते. शेयरों में निवेश करते समय रिस्क-रिवार्ड रेसियो को ध्यान से समझना होगा. उन्होंने कहा कि जहां जोखिम है, वहां अवसर है. चीन में संकट और अवसर के लिए एक ही संकेत है.
सुधार की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं...
भारतीय बाजारों में सबसे बड़े निवेशक के रूप में पहचान बनाने वाले राकेश झुनझुनवाला वैश्विक रुझानों पर कहते थे कि ऐसा नहीं है कि भारत का समय आएगा. हमारा समय आएगा नहीं, हमारा समय आ गया है. उन्होंने ये भी कहा था कि एक समय आएगा जब सुधार होगा लेकिन उस समय की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती. बाजारों का हर समय सटीक अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है.
यूनिकॉर्न पर उन्होंने कहा था कि भारतीय बाजारों में यूनिकॉर्न का उदय कोई नई बात नहीं है. सरकार के लिए सबसे बड़ी शक्ति मुद्रा जारी करना है और कोई भी सरकार किसी भी कंपनी को अपनी मुद्रा जारी करने की अनुमति नहीं देगी.
मैं ब्रोकर नहीं हूं...
पीएम से मिलने पर राकेश झुनझुनवाला ने कहा था कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. बैठक की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिसमें कुछ लोगों ने पूछा था कि प्रधानमंत्री एक शेयर ब्रोकर से क्यों मिले थे. झुनझुनवाला ने कहा- मैं ब्रोकरेज में सालाना 1.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करता हूं, मैं ब्रोकर नहीं हूं. प्रधानमंत्री मुझसे क्यों मिले, आपको उनसे पूछना होगा.
600 रुपए देकर शर्ट पर इस्तरी करवाया था
वायरल हो रही तस्वीर पर झुनझुनवाला ने कहा था- ये सिर्फ एक सफेद शर्ट थी, जिसे मैंने प्रधानमंत्री से मिलने के लिए 600 रुपये देकर इस्तरी करवाया था. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ उनकी बैठकें हाई प्रोफाइल बन गईं क्योंकि सरकारी एजेंसियों ने तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं.