
किसान नेता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत में कहा कि किसानों पर अत्याचार हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश में जमीनों की क़ीमतें बढ़ेंगी, लेकिन फसल की क़ीमत कम होंगी. हमने 13 महीने जो आंदोलन चला तब भी कहा था कि देश में रोटी पर क़ब्ज़ा होगा, भूख के आधार पर रोटी तय होगी. किसान आंदोलन के बीच उन्होंने कहा कि ये सरकार अगर अटल-आडवाणी की होती तो हमारी बात मानती, लेकिन ये सरकार पूंजीपतियों की सरकार है. जिनसे आपकी लड़ाई है, वो आपको दिखाई नहीं देगा.
वर्तमान में चल रहे आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि ये SKM की कॉल नहीं थी, किसान ने आह्वान किया और जाना पड़ा. आज भी SKM से कोई बात नहीं हुई, लेकिन हम उनके साथ हैं. प्रदर्शन कर रहे संगठन आएं और बातचीत करें. आज की मीटिंग में ज़िम्मेदार लोगों को बुलाया गया है,लेकिन सरकार डराएगी तो किसान डरेगा नहीं. उन्होंने कहा कि 21 फरवरी को तहसीलों में एक दिन का प्रदर्शन होगा.
'26-27 फरवरी को ट्रैक्टर लेकर हरिद्वार से ग़ाज़ीपुर तक खड़े रहेंगे'
राकेश टिकैत ने कहा कि 26-27 फरवरी को हम ट्रैक्टर लेकर हरिद्वार से ग़ाज़ीपुर तक खड़े रहेंगे. अपने ट्रैक्टरों को भी मज़बूत रखना. हम एमएसपी का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि एक अफवाह फैलाई जा रही है कि MSP से महंगाई बढ़ेगी. लेकिन ये लड़ाई पूंजीपतियों के ख़िलाफ़ है. इस लड़ाई में लोग मारे भी जाएंगे. जहां भी गोली चलेगी, हम सामने रहेंगे. इस बार बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है कि अबकी बार 400 पार. टिकैत ने कहा कि हम पूछते हैं कि इलेक्शन क्यों हो रहे हैं. विपक्ष को जेलों में बंद किया जा रहा है.
हरियाणा-पंजाब के किसान 5 दिन से कर रहे प्रदर्शन
बता दें कि आज किसानों के आंदोलन का 5वां दिन है. इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आने वाले दिनों में किसान आंदोलन और तेज होगा. वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने उम्मीद जताई है कि रविवार को किसान संगठनों के साथ होने वाली बैठक में समाधान निकलेगा.
MSP पर कमेटी बना सकती है केंद्र सरकार
सूत्रों के मुताबिक, रविवार को किसान संगठनों के साथ बातचीत में सरकार MSP समेत अन्य मुद्दों पर सरकार के प्रतिनिधियों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की कमेटी बनाने का प्रस्ताव दे सकती हैं. कमेटी में सदस्यों के लिए किसान संगठनों से उनके प्रतिनिधियों के नाम मांगे जाएंगे.
कल होगी चौथे दौर की बातचीत
किसान नेताओं और सरकार के बीच इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को बैठक हुई थी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली क्योंकि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की अपनी मांग पर अड़े रहे. किसानों और सरकार दोनों को अब रविवार को होने वाली चौथे दौर की वार्ता का इंतजार है. उम्मीद है कि, दोनों पक्षों में सहमति बन जाएगी जिससे किसान आंदोलन पर विराम लग सके.