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रेलवे के प्राइवेटाइजेशन को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया ये बयान

Indian Railway: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे प्राइवेटाइजेशन की गुत्थी को सुलझाते हुए यह साफ कर दिया है कि रेलवे का प्राइवेटाइजेशन नहीं होने वाला है, साथ ही साल 2009 से अभी तक रेलवे की उपलब्धियां भी गिनाईं.

रेलवे के प्राइवेटाइजेशन रेलवे के प्राइवेटाइजेशन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST
  • 2024 तक बढ़ाई जाएंगी वंदे भारत ट्रेन
  • रेलवे प्राइवेटाइजेशन की कोई आशंका नहीं
  • कवच तकनीक को मिली सफलता

Indian Railway Achievements: कई दिनों से रेलवे के प्राइवेटाइजेशन को लेकर लोग असमंजस में हैं. इसी बीच, भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का एक बयान सामने आया है, उन्होंने यह साफ कर दिया है कि रेलवे का प्राइवेटाइजेशन नहीं होने वाला है. साथ ही रेलवे से जुड़े कई अचीवमेंट के बारे में भी बताया. 

7 साल में रेलवे निवेश हुआ डबल से ट्रिपल

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अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया है. 2014 से पहले हर साल 1540 कि.मी तक ही रेलवे ट्रेक को बढ़ाया जाता था, लेकिन अब यह संख्या 3 हजार तक पहुंच चुकी है. वहीं 2009 से अभी तक रेलवे के विद्युतीकरण में भी काफी बदलाव आए हैं, जहां पहले रेलवे का विद्युतीकरण सिर्फ 608 कि.मी प्रति वर्ष था, वहीं अब 50 हजार कि.मी तक पहुंच चुका है. 2014 तक रेलवे में सिर्फ 45 हजार का निवेश था, उसके बाद 2017 तक यह डबल हुआ और अब कुल 2 लाख 45 हजार का निवेश है.

किसानों के लिए चलेगी किसान रेल

किसानों के लिए रेलवे खास तैयारी में लगी हुई है. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हमनें किसान रेल की शुरुआत की है, और साथ ही छोटे व्यवसायियों और एमएसएमई क्षेत्रों के लिए छोटे कंटेनरों को लगाना शुरू कर दिया है.

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2024 तक वंदे भारत ट्रेन मिशन होगा पूरा

वंदे भारत ट्रेन की अपडेट को लेकर उन्होंने कहा कि 2024 तक रेलवे 75 वंदे भारत ट्रेंनें ट्रेक पर उतार देगी. साथ ही बताया कि मंत्रालय जल्द ही नए रेलवे जोन और मंडल बनाने की मांग पूरी करने वाला है. क्षेत्रीय आकांक्षाओं पर रेलवे संचालन का काम भी शुरू कर दिया गया है.

कवच तकनीक के लिए किया इंजीनियरों का धन्यवाद

रेलवे की कवच तकनीक का परीक्षण सफल रहा है. जिस ट्रेन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सवार थे, वह ट्रेन सामने से आ रही ट्रेन से 380 मीटर पहले ही रुक गई. कवच तकनीक की वजह से ही ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग गए. इसको लेकर उन्होंने कहा कि सभी को इंजीनियरों की प्रशंसा करनी चाहिए, जिन्होंने रेलवे 'कवच' तैयार किया है, जिसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए पूरी दुनिया रेलवे के इंजीनियरों की प्रशंसा कर रही है.

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