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Ram Mandir Ayodhya News: जहां श्रीराम से पहले बार मिले थे विभीषण... पीएम मोदी कल करेंगे कोठंडारामा स्वामी मंदिर में पूजा

रविवार सुबह 9:30 बजे प्रधानमंत्री अरिचल मुनाई पॉइंट का दौरा करेंगे, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं से राम सेतु का निर्माण हुआ था. इसके बाद सुबह 10:15 बजे वह श्री कोठंडारामा स्वामी मंदिर में पूजा और दर्शन करेंगे. कोठंडारामा नाम का अर्थ धनुषधारी राम है.

अपने 11दिन के अनुष्ठान में पीएम मोदी प्रमुख मंदिरों के कर रहे हैं दर्शन. (फोटो: एक्स/@नरेंद्रमोदी) अपने 11दिन के अनुष्ठान में पीएम मोदी प्रमुख मंदिरों के कर रहे हैं दर्शन. (फोटो: एक्स/@नरेंद्रमोदी)
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:56 PM IST

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने में कुछ ही घंटे बाकी हैं. 22 जनवरी 2024 को तय समय में प्राण प्रतिष्ठा की विधियां संपन्न होंगी, जिसे पीएम मोदी खुद शास्त्रीय विधि से संपन्न करेंगे. इससे पहले वह देश के उन प्रमुख तीर्थों और मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं जो श्रीराम से जुड़े हुए हैं और रामकथा में जिन स्थानों का जिक्र मिलता रहा है. इसी कड़ी में पीएम मोदी का रविवार को होने वाला दौरा बेहद खास है. सामने आया है कि पीएम मोदी रामसेतु निर्माण स्थल पहुंचेंगे और फिर इसके बाद वह श्री कोठंडारामा स्वामी मंदिर में पूजा और दर्शन करेंगे. यह दोनों स्थल तमिलनाडु में हैं. पीएम मोदी तमिलनाडु के दो दिवसीय दौरे पर हैं.

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अरिचल मुनाई पॉइंट जाएंगे पीएम मोदी
जानकारी के मुताबिक, रविवार सुबह 9:30 बजे प्रधानमंत्री अरिचल मुनाई पॉइंट का दौरा करेंगे, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं से राम सेतु का निर्माण हुआ था. इसके बाद सुबह 10:15 बजे वह श्री कोठंडारामा स्वामी मंदिर में पूजा और दर्शन करेंगे. कोठंडारामा नाम का अर्थ धनुषधारी राम है. यह धनुषकोडी में स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर विभीषण पहली बार श्रीराम से मिले थे और उनसे शरण मांगी थी. कुछ किंवदंतियाँ यह भी कहती हैं कि यही वह स्थान है जहां श्री राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था.

रामकथा में क्या है अरिचल मुनाई और श्री कोठंडारामा स्वामी मंदिर का महत्व
रामकथा के मुताबिक, युद्ध शुरू होने से पहले रावण के भाई विभीषण ने रावण को समझाने की कोशिश की थी. विभीषण का कहना था कि रावण सीताजी को वापस लौटा दे और क्षमा मांग ले. विभीषण की इस बात को रावण ने राजद्रोह माना और उसे लात मारकर लंका से निकाल दिया. इसके बाद विभीषण लंका से निकलकर सागर पार श्रीराम के शरण में पहुंचे थे, जहां उनकी भेंट पहली बार श्रीराम से हुई. श्रीराम का सागर किनारे जहां शिविर था, उसी के नजदीक एक स्थान से रामसेतु बनना शुरू हुआ था. यही स्थान आज अरिचल मुनाई पॉइंट कहलाता है. यह तमिलनाडु के धनुषकोडि जिले में है, वहीं जिस स्थान पर विभीषण श्रीराम से पहली बार मिलने आए और उनका राज्याभिषेक हुआ, आज वहां  श्री कोठंडारामा स्वामी मंदिर बना हुआ है.

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