
तैयारी पूरी हो चुकी है. मंदिर प्रांगण सज चुका है. परिसर तैयार है, गर्भगृह प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रतीक्षा में है और 140 करोड़ भारतीयों की आंखें इस वक्त अयोध्या की ओर हैं. राहों में पलक-पांवड़े बिछाए श्रद्धालु बस उस पल का इंतजार कर रहे हैं, जब श्रीराम विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी और फिर रामलला के भव्य दर्शन होंगे. घड़ी नजदीक ही आ गई है. महज 4 दिन और बाकी हैं. प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 की तारीख तय है और इस तय तारीख से पहले गुरुवार 18 जनवरी को गर्भगृह में प्रतिमा को स्थापित किया जा चुका है.
गर्भगृह में आसन पर विराजे रामलला
अब राम जन्म भूमि के श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को 100 घंटे से भी कम बचे हैं. रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में अपने आसन पर विराजमान हो गए हैं. अब सिर्फ प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बाकी है. 22 जनवरी को देश में सभी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को एकरूप में देख सकें. इसलिए गुरुवार को केंद्र सरकार ने भी एलान कर दिया कि 22 जनवरी को आधे दिन की छुट्टी केंद्रीय दफ्तरों में रहेगी. इस ऐलान के बाद कयास लग रहे हैं कि, 22 जनवरी को देश में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा लाइव देखने का एक बड़ा रिकॉर्ड भी बन सकता है.
पांच शताब्दियों का इंतजार और राम मंदिर
राम मंदिर जो पांच शताब्दियों के लंबे इंतजार के बाद पूर्ण हुआ है और जो बताता है कि विध्वंस से बड़ा पुननिर्माण होता है. अपनी जन्मभूमि पर जो राम वर्षों तक टाट के नीचे रहे. अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर में गर्भगृह के भीतर विराजमान हो चुके हैं. इंतजार अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का है. श्रीराम के अपने मंदिर में पहुंचने की प्रतीक्षा करते करोड़ों भक्त अब अपने भावों को रोक नहीं पा रहे हैं.
22 जनवरी के लिए बड़े फैसले ले रही हैं राज्य सरकार
इन्हीं भावनाओं को समझते हुए देश में 22 जनवरी के लिए केंद्र से लेकर तमाम राज्य सरकारें बड़े फैसले लेने लगी हैं.
फैसला प्राण प्रतिष्ठा के दिन देश में भक्तों के लिए
फैसला 22 जनवरी को सबके भक्ति भाव के ध्यान का
फैसला सोमवार को देश में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सुकून से देखने का
5 अगस्त 2020 को करोड़ों ने लोगों ने देखा था राममंदिर का भूमिपूजन
5 अगस्त 2020 में जब अयोध्या के राम मंदिर का भूमिपूजन हो रहा था. तब दावा है कि 17 करोड़ लोगों ने राम मंदिर के भूमिपूजन को लाइव टीवी पर देखा था. 198 टीवी चैनल पर अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन देखा गया था. लेकिन अब तो राममंदिर ही तैयार है और गर्भगृह में आसन पर रामलला की मूर्ति भी विराजमान है.
22 जनवरी को दोपहर 12:20 से 1 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा
अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान यजमान बनेंगे. तब देश में कोई भी सदियों से प्रतीक्षा करते राष्ट्र के पल को देखने में अभागा न रहे. राममय माहौल वाले देश में 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे से एक बजे तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पूजा होनी है. उससे पहले भी कुछ पूजा समारोह होना है. यानी देखा जाए तो सुबह से लेकर दोपहर एक बजे तक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करोड़ों लोगों देखना चाहेंगे.
केंद्र सरकार ने दी केंद्रीय कर्मियों को दिया हॉफ डे
इसीलिए अब केंद्र सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को 22 जनवरी को आधे दिन की छुट्टी दे दी है. फैसला हुआ है कि 22 जनवरी को सुबह से लेकर दोपहर ढाई बजे तक देशभर में सरकारी कार्यालयों और केंद्र सरकार के स्कूलों-संस्थानों में आधे दिन की छुट्टी रहेगी.
देश के कोने-कोने से भेंट लिए चले आ रहे हैं श्रद्धालु
श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु भेंट लिए चले आ रहे हैं. कुल्लू से श्रीराम जी के लिए चांदी की चरण पादुका लेकर श्रद्धालु आ रहे हैं. 2000 किमी तक साइकिल चलाकर राम भक्त अयोध्या पहुंच जा रहे हैं. अलग अलग हिस्सों में देश के भीतर रामधुन यात्रा निकाली जा रही है. कोटा में मुस्लिम भाई-बहन घर-घर जाकर 22 जनवरी के लिए दीपक बांट रहे हैं. हीरे, सोने, चांदी से राम मंदिर की आकृति बनाकर लोग अयोध्या तक ले जाना चाहते हैं. जो अयोध्या में नहीं हैं वो अयोध्या पहुंचना चाहते हैं. जो अयोध्या में वो देश को अयोध्या का माहौल बताना चाहते हैं.
उत्तर प्रदेश में ये है तैयारी
भक्ति के इसी भाव में देश में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह हर रामभक्त नागरिक देख सके. इसीलिए सिर्फ केंद्र सरकार ही नहीं बल्कि 22 जनवरी को यूपी में सभी दफ्तर बंद करने का आदेश सरकार ने पहले ही दे दिया. 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रहने वाले हैं. 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश में मांस और मदिरा यानी शराब की दुकानें भी बंद रहेंगी.
मध्य प्रदेशः मध्य प्रदेश में प्राण प्रतिष्ठा के दिन स्कूलों में छुट्टी रहेगी.
छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ में सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है.
गोवाः गोवा में सरकारी छुट्टी घोषित है. स्कूल, दफ्तर सब बंद रहेंगे.
हरियाणाः हरियाणा में भी स्कूलों में छुट्ट्टी 22 जनवरी को रहेगी.
ओडिशाः ओडिशा में राज्य सरकार ने हॉफ डे की घोषणा की है.
गुजरातः गुजरात में 22 जनवरी को हॉफ डे घोषित किया गया है.
राजस्थानः राजस्थान सरकार ने भी हॉफ डे घोषित किया गया है.
बीजेपी शासित अन्य राज्यों में भी हो सकती है घोषणा
संभव है कि केंद्र सरकार की तऱफ से आधे दिन की छुट्टी प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लाइव देखने के लिए देने का एलान होने के बाद अब बीजेपी शासित राज्य और भी छुट्टी देने की घोषणा करें.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
खबर है कि प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों से कहा कि वह 22 जनवरी को अपने घरों में ही दीपक जलाएं. गरीबों को खाना खिलाएं, दीवाली जैसा उत्सव मनाने को कहा गया है. प्रधानमंत्री की तरफ से 22 जनवरी के बाद अपने अपने संसदीय क्षेत्रों के लोगों को अयोध्या के लिए ट्रेनों में रवाना करने के लिए भी कहा गया है. इसकी पूरी व्यवस्थान देखने और खुद भी ट्रेन में उनके साथ अयोध्या जाने के निर्देश दिए गए हैं. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि सादगी से सबकुछ करना है ताकि सौहार्द और सद्भाव बना रहे.
11 दिन का कठिन व्रत कर रहे हैं पीएम मोदी
इसी माहौल में खबर यह भी आई है कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिन के व्रत को पूर्ण करते प्रधानमंत्री ना अन्न खा रहे हैं ना कोई फल, सिर्फ नारियल पानी पीते हुए पूरे नियमों के साथ व्रत को निभा रहे हैं. 12 जनवरी को देश को अपने 11 दिन के व्रत के विषय में बताकर ही प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के नासिक में कालाराम मंदिर पहुंचे. जहां अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह तक देश के हर नागरिक से मंदिरों में स्वच्छता अभियान वाले श्रमदान की ना सिर्फ अपील की बल्कि खुद भी इसका हिस्सा बने. प्रधानमंत्री के व्रत को अभी सात दिन बीते हैं. चार दिन बाकी हैं. 7 दिन के भीतर प्रधानमंत्री कठिन व्रत के साथ अपने दौरे को पूरा कर रहे हैं. विकास की सौगात भी दे रहे हैं. व्रत के कठिन नियमों का पालन भी कर रहे हैं.
जमीन पर कंबल बिछाकर सो रहे हैं पीएम मोदी
इसी के साथ सामने आया है कि, 11 दिन के व्रत का पालन करते प्रधानमंत्री अभी जमीन पर सिर्फ कंबल बिछाकर सो रहे हैं और व्रत के दौरान सिर्फ नारियल पानी पी रहे हैं. यानी 11 दिन के व्रत में ना कोई अन्न खा रहे हैं, ना ही कोई फल खा रहे हैं. सिर्फ नारियल पानी पीते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले सात दिन में दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु का दौरा तक कर दिया. सैकड़ों करोड़ की विकास योजनाओं की शुरुआत भी कर रहे हैं. ये सबकुछ कठिन व्रत के साथ हो रहा है. उन्होंने कहा कि, '22 जनवरी को अयोध्या में भव्य प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन है, जो अनुष्ठान होते हैं, मैं भी उनका पालन कर रहा हूं. बीते दिनों मुझे अनेक मंदिर में दर्शन सफाई का सौभाग्य मिला है.'
न अन्न न फल, पीएम मोदी सिर्फ नारियल पानी का सेवन कर रहे
सिर्फ नारियल पानी पीकर व्रत निभाते प्रधानमंत्री 16 जनवरी को आंध्र प्रदेश में पुट्टपर्थी के लेपाक्षी ग्राम में मौजूद वीरभद्र मंदिर में दर्शन और पूजन कर चुके हैं. जहां मोदी ने तेलुगु में रंगनाथ रामायण के छंद सुने और आंध्र प्रदेश की पारंपरिक छाया कठपुतली कला के जरिए जटायु की कहानी देखी. महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के बाद केरल के गुरुवायूर मंदिर भी प्रधानमंत्री इसी व्रत के दौरान पहुंचे हैं. त्रिश्रूर के त्रिप्रयार मंदिर में भी दर्शन कर चुके हैं. बीते छह दिनों से पीएम मोदी सिर्फ नारियल पानी पर है, पेट खाली है लेकिन प्रधानमंत्री का काम रुका नहीं. जोश में कोई कमी नहीं दिखी. कोई सरकारी कार्यक्रम रद्द नहीं किया और कठोर व्रत भी जारी है.
पीएम मोदी ने जारी किए छह डाक टिकट
अयोध्या का जो वर्तमान है. वो एक लंबे इतिहास को समेटे हैं और इतिहास जब भी भविष्य में याद किया जाएगा. अयोध्या हर जगह दर्ज होगी. इसीलिए प्रधानमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि पर छह अकल्पनीय अद्भुत डाक टिकट जारी किए हैं. प्रधानमंत्री ने जो छह डाक टिकट जारी किए हैं. इनमें एक टिकट तो श्री राम जन्मभूमि मंदिर का है. जिनके साथ पांच तत्वों को शामिल किया गया है.
पंच तत्वों को समेटे हुए हैं डाक टिकट
अन्य टिकट देखें तो भगवान गणेश हैं. भगवान हनुमान हैं. जटायु हैं. केवटराज हैं. मां शबरी हैं. इन्हें साधारण डाक टिकट मत समझिएगा. इनमें क्या खास है, यह समझते हैं. पहले वो सुनिए. जो पांच तत्व हैं. जल के रूप में सरयू नदी, अग्नि के रूप में सूर्य की किरण -दीपावली के दीपक. इसके मुद्रण में अयोध्या से लाई मिट्टी, सरयू के जल का है, चंदन की जो सुगंघ है वो इसमें हैं शामिल है. संभव है कि आपको लगे कि ऐसे तमाम विशेष अवसरों पर डाक टिकट देश-दुनिया में जारी होते रहते हैं. लेकिन राम जन्मभूमि मंदिर से जुड़े इन छह डाक टिकट पीढ़ियों को बताएंगे इतिहास में क्या हुआ था.
क्या बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि, 'पोस्टल स्टैम्प विचारों, इतिहास और ऐतिहासिक अवसरों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का एक माध्यम भी होते हैं. जब आप किसी डाक टिकट को जारी करते हैं, और जब कोई इसे किसी को भेजता है तो वह सिर्फ पत्र या सामान नहीं भेजता. वो सहज रूप से इतिहास के किसी अंश को भी किसी दूसरे तक पहुंचा देता है. ये टिकट सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं है, ये टिकट सिर्फ कोई आर्ट वर्क नहीं है. ये इतिहास की किताबों, कलाकृतियों के रूपों और ऐतिहासिक स्थलों का सबसे छोटा रूप भी होते हैं.'
चर्चित रहा है नेपाल का एक टिकट
इतिहास कैसे डाक टिकट के जरिए अयोध्या को याद करता है. इसकी एक कहानी को चर्चा में आए इस टिकट से समझिए. नेपाल का ये टिकट अभी चर्चा में आया है. जहां 15 पैसे के इस डाक टिकट पर रामनवमी 2024 लिखा हुआ है. इसे लेकर लोग चर्चा करने लगे कि क्या पहले से तय था कि 2024 में राम मंदिर बन जाएगा ? जबकि ये टिकट 1967 में जारी हुआ था. दरअसल इस वायरल नेपाली डाक टिकट पर जो रामनवमी 2024 में लिखा है, वो अंग्रेजी कैलेंडर में नहीं बल्कि विक्रम संवत में लिखा है. विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे चलता है. इस तरह से साल 1967 में जारी हुए इस डाक टिकट पर 57 साल आगे का साल 2024 लिखा हुआ है. 67 साल पुराने टिकट को इसीलिए याद कराया ताकि अब जारी हुए छह डाक टिकट को भविष्य में पीढ़ियों तक मिलने वाले संदेश को समझ सकें.
डाक टिकट पर उकेरी गई हैं बारीकियां
मंगल भवन अमंगल हारी’, इस लोकप्रिय चौपाई के माध्यम से राष्ट्र के मंगल की कामना है. इनमें सूर्यवंशी राम के प्रतीक सूर्य की छवि है, जो देश में नए प्रकाश का संदेश भी देता है. इनमें पुण्य नदी सरयू का चित्र भी है, जो राम के आशीर्वाद से देश को सदैव गतिमान रहने का संकेत करती है. मंदिर के आंतरिक वास्तु के सौंदर्य को बड़ी बारीकी से इन डाक टिकटों पर प्रिंट किया गया है.
48 पन्नों की पुस्तक भी हुई जारी
टिकट के अलावा प्रधानमंत्री ने एक पुस्तक जारी की है. जिसमें 48 पन्ने हैं. और अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कनाडा, कंबोडिया और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों सहित 20 से अधिक देशों की तरफ से राम से जुड़े जारी किए गए डाक टिकट शामिल हैं. वो देश जहां राम की पहचान है.