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एंटी-ड्रोन सिस्टम, NSG कमांडो, AI का इस्तेमाल... अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ऐसी है सिक्योरिटी

अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री समेत देश के शीर्ष गणमान्य लोग इकट्ठा होंगे. इसके लिए एक सप्ताह पूर्व से ही सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम ही नहीं किया जा रहे हैं बल्कि रिहर्सल कर इन व्यवस्थाओं को परखा भी जाएगा. 

अयोध्या मंदिर अयोध्या मंदिर
बनबीर सिंह
  • अयोध्या,
  • 10 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:02 AM IST

अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. लेकिन इस कार्यक्रम से पहले ही एनएसजी के कमांडो यहां की सुरक्षा संभाल लेगी. इसके अलावा स्थानीय लोगों की भी मदद ली जा रही है.

बताया जा रहा है कि सिक्योरिटी प्लान में ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं कि जमीन, पानी और हवा में सुरक्षा में कहीं चूक न रह जाए. एंटी ड्रोन सिस्टम से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कमांड कंट्रोल सिस्टम बनाए गए हैं तो फिजिकल चेकिंग और वेरिफिकेशन के साथ-साथ उच्चस्तरीय सुरक्षा तकनीक का भी इस्तेमाल होगा.

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अयोध्या के सिक्योरिटी प्लान में स्थानीय लोगों का अहम रोल होगा. व्यावसायिक प्रतिष्ठान हो या आम लोगों के घर जिनके भी घरों या प्रतिष्ठानों के सामने सीसीटीवी कैमरे लगे है. उन सभी को पुलिस के कंट्रोल रूम से जोड़ दिया गया है. यह कैमरे पुलिस के उन एक हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के नेटवर्क के अलावा होंगे जो अलग-अलग स्थानो पर सड़कों और गलियों की निगरानी कर रहे होंगे.

इसी के साथ अयोध्या पुलिस फिजिकल इंटेलिजेंस का भी सहारा ले रही है और बड़ी संख्या में ऐसे लोगों से संपर्क कर उनको अपने साथ जोड़ा गया है जो ई रिक्शा, टैक्सी, होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस कर्मचारी हैं. ऐसे लोगों को यह निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध गतिविधियों या फिर संदिग्ध लोग दिखाई दें तो तुरंत पुलिस को इस बारे में सूचना दें. यही नहीं, अगर बिना परिचय पत्र के कोई भी किसी होटल, धर्मशाला या लॉज या फिर मंदिर में रुकता है तो वहां के कर्मचारी सीधे पुलिस को सूचना दें. सूचना देने वाले ऐसे सभी लोगों के नाम गुप्त रखे जाएंगे.

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बुधवार को अयोध्या में समीक्षा के दौरान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि जो भी बाहरी लोग अयोध्या में रह रहे हैं उनका वेरिफिकेशन कराया जाए और उनके आधार कार्ड चेक ही नहीं किया जाए बल्कि उनका सत्यापन भी कराया जाए.

एसपीजी की निगरानी में होगी अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले से ही अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था की पूरी निगरानी एसपीजी के हाथों में चली जाएगी. 16 जनवरी से ही अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था की पूरी समीक्षा एसपीजी करेगी और जो भी खामियां दिखाई देगी उसको लेकर वह अयोध्या पुलिस को निर्देशित भी करेगी. इसी के साथ स्पेशल कमांडो के साथ सीआरपीएफ और एसपीजी की अतिरिक्त कंपनियां भी सुरक्षा में तैनात होंगी तो यूपी एटीएस और रैपिड एक्शन फोर्स भी सक्रिय भूमिका में रहेंगी. यूपी एटीएस की टीम अभी से अयोध्या पहुंच चुकी है और अयोध्या पुलिस लाइन में इसका कमांड सेंटर भी बना दिया गया है.

अयोध्या रेंज की आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि लगभग 11 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल अयोध्या में तैनात किए जाएंगे. इस सुरक्षा व्यवस्था में अर्धसैनिक बल भी होंगे और अयोध्या आने वाले मार्ग और हाईवे पर भी कड़ी निगरानी होगी. 22 जनवरी के पहले ही अयोध्या में रह रहे बाहरी व्यक्तियों के आधार कार्ड और उनकी पहचान से जुड़े प्रपत्र चेक किए जाएंगे और जरूरत पड़ने पर उनका वेरिफिकेशन भी कराया जाएगा.

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इसलिए हो रहे है सुरक्षा के इतने बड़े इंतजाम

अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री समेत देश के शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों का जमावड़ा हो रहा है. इसके लिए एक सप्ताह पूर्व से ही सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम ही नहीं किया जा रहे हैं बल्कि रिहर्सल कर इन व्यवस्थाओं को परखा भी जाएगा. 

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी से हो जाएगी इसलिए इसी तारीख से सुरक्षा व्यवस्था को न सिर्फ चाक-चौबंद कर दिया जाएगा, बल्कि तैयार हुए सुरक्षा प्लान का बाकायदा रिहर्सल भी किया जाएगा. इसके पीछे वजह साफ है की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, यूपी की राज्यपाल समेत अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े हुए लगभग ढाई हजार नामी गिरामी चेहरे शामिल होंगे. 

सरयू नदी में भी बढ़ाई सुरक्षा

इसके अलावा देशभर के लगभग 5 हजार से ज्यादा साधु-संत धर्माचार्य भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहने वाले हैं. इसीलिए सरयू नदी की तरफ से भी सुरक्षा ढांचा मजबूत किया गया है. जो भी बोट सरयू में चल रही हैं उनका चिन्हीकरण किया गया है. उसको चलाने वाले नाविकों का वेरिफिकेशन किया गया है.

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जल पुलिस की संख्या बढ़ाई गई है और सरयू में निगरानी करने के लिए जल पुलिस को अतिरिक्त हाई स्पीड बोट मुहैया कराई गई है. अयोध्या में उड़ने वाले संदिग्ध ड्रोन को नष्ट करने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात कर दिए गए हैं.

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