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राम मंदिर उद्घाटन में US से आएगा ये खास मेहमान, पीएम मोदी को वीजा दिलवाने में निभाया था अहम रोल

पेशे से ऑन्कोलोजिस्ट भरत बरई ने 2014 की शुरुआत में नरेंद्र मोदी का वीजा दिए जाने की पैरवी की थी. दरअसल मोदी पर अमेरिका ने वीजा देने पर दस साल का बैन लगा रखा था. उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

राम मंदिर राम मंदिर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST

अयोध्या में राम मंदिर बनकर लगभग तैयार है. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. ऐसे में इस पावन दिन का साक्षी बनने के लिए 7000 से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें राजनीतिक शख्सियत से लेकर अंतर्राष्ट्रीय अतिथि और राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले लोग भी शामिल हैं. 

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राम मंदिर उद्घाटन के पल का साक्षी बनने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन,यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका सहित 53 देशों के 100 से अधिक गेस्ट को इनवायट किया गया है. इन्हीं में एक है भरत बरई जो पेशे से ऑन्कोलोजिस्ट है. 

मोदी को अमेरिकी वीजा दिए जाने की पैरवी कर चुके

भरत बरई ने 2014 की शुरुआत में नरेंद्र मोदी का वीजा दिए जाने की पैरवी की थी. दरअसल मोदी पर अमेरिका ने वीजा देने पर दस साल का बैन लगा रखा ता. उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

बरई बीजेपी के समर्थक हैं और वह कई बार अमेरिका में पार्टी के कई सदस्यों को अमेरिका अपने घर पर आमंत्रित कर चुके हैं. इसके अलावा वह भारत और इजरायल के बीच के संबंधो को भी और मजबूत करने पर काम कर रहे हैं.

बरई ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ओबामा के लिए फंडिंग भी जुटाई थी. वह लोकसभा चुनाव में मोदी के समर्थन में प्रचार करने के लिए भारत आए थे. 

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उन्होंने 2014 में मोदी फॉर पीएम कैंपेन के लिए गुजरात में 650 प्रवासी भारतीयों की एक टीम की अगुवाई की थी. इसके अलावा नॉर्वे, न्यूजीलैंड, फिजी, कनाडा और यूके सहित कई देशों के प्रतिनिधियों को भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने के लिए आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा नोकिया बेल्स लैब-सीटीओ के फेलो अभय अस्थाना को भी आमंत्रित किया गया है. 

बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार अंसारी को भी मिला था निमंत्रण

इससे पहले राम मंदिर के उद्घाटन के लिए इकबाल अंसारी को भी आमंत्रित किया गया था. अंसारी वही शख्स हैं, जिन्होंने 73 सालों तक बाबरी मस्जिद का मुकदमा लड़ा था. वह बाबरी केस के मुख्य पक्षकार थे.

बाबरी मस्जिद केस से जुड़े होने के बावजूद वह राम मंदिर के निर्माण का समर्थन करते रहे और इससे जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे. 

मुस्लिम कारसेवक को भी मिला था न्योता

राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लेने वाले एक मुस्लिम कारसेवक को भी 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गाय है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण मिलने के बाद मोहम्मद हबीब भावुक हो गए. राम मंदिर आंदोलन के समय हबीब बीजेपी युवा मोर्चा के जिला स्तर के उपाध्यक्ष थे. वह दो दिसंबर 1992 को पचास लोगों के समूह के साथ वाराणसी कैंट से अयोध्या गए थे. छह दिसंबर को कारसेवकों ने विवादित ढांचा ढहा दिया था. बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ये निमंत्रण भेजे हैं.

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