
रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इलाहाबादिया के 'द रणवीर शो' चलाने की इजाज़त दी. बेंच ने केंद्र सरकार से नियमन बनाने का निर्देश दिया लेकिन इस बात का ध्यान रखते हुए कि उससे अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन न हो. कोर्ट ने पहले रणवीर के सभी शो पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा कि रणवीर ऐसा हलफनामा दे कि वह ख्याल रखेगा कि उसके शो में भद्रता और नैतिकता के प्रति कोई आपत्तिजनक बात नहीं होगी. शो ऐसा होगा जिसे सभी उम्र के लोग देख सकें.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई का दायरा बढ़ाते हुए केन्द्र सरकार से कहा कि वो सोशल मीडिया ऑनलाइन कंटेट पर अश्लील, आपत्तिजनक कंटेंट को रोकने के लिए रेगुलेटरी मेकनिजम बनाए. इसके ड्राफ्ट को कोई क़ानूनी रूप देने से पहले तमाम स्टेकहोल्डर्स से रायशुमारी ले, ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि ये सिर्फ एकतरफा पाबंदी लगाने के लिए नहीं है.
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स्त्री पुरुष एक साथ बैठकर सहजता से नहीं देख सकते!
रणवीर इलाहाबादिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो रणवीर के वकील डॉक्टर अभिनव चंद्रचूड़ की दलील के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उस प्रोग्राम में इस्तेमाल की गई भाषा अश्लीलता की सीमा पार करती हुई थी. उन्होंने कहा कि मैंने वो प्रोग्राम जिज्ञासावश देखा. उसके बाद मुझे पता चला कि ये परिवार या फिर स्त्री पुरुष एक साथ बैठ कर सहजता से नहीं देख सकते.
FIR को क्लब करने की मांग
विवादित शो "इंडिया गॉट लेटेंट" में आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते FIR झेल रहे रणवीर अल्लाहबादिया और साथी यूटूबर आशीष चंचलानी की अर्जी पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष रणवीर अल्लाहबादिया ने गिरफ्तारी से राहत के साथ साथ असम, महाराष्ट्र में दर्ज FIR को एक साथ जोड़े जाने की मांग की है. कोर्ट ने रणवीर को अपना पॉडकास्ट शो करने की सशर्त इजाजत दी. वो उसमें अपनी भाषा की भद्रता और मर्यादा का ध्यान रखेंगे.
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किसी भी प्रोग्राम में शामिल होने पर लगी थी रोक
रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट से एक शर्त में बदलाव की मांग की जिसमें कोर्ट ने किसी भी प्रोग्राम मे भाग लेने पर रोक लगाई थी, लेकिन वह शो आयोजित कर सकेंगे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह अश्लील ही नहीं.. विकृत है...मैंने शो देखा और मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं - मैं और अटॉर्नी जनरल यह शो एक साथ नहीं देख सकते हैं. तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि कुछ दिनो तक ये शर्तें लागू रहनी चाहिए.