
सोना तस्करी के गंभीर मामले में आरोपी रन्या राव की जमानत याचिका को स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दी है. उन्होंने स्पेशल कोर्ट फॉर इकोनॉमिक ऑफेंस ने जमानत याचिका दायर की थी. यह फैसला जज विश्वनाथ सी गोवदार ने दिया, जिन्होंने आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया.
रन्या राव, जो एक हाई-प्रोफाइल स्वर्ण तस्करी मामले में गिरफ्तार की गई थीं, ने कोर्ट से जमानत की अपील की थी. उनकी इस याचिका को खारिज करते हुए, कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता और जांच की स्थिति को ध्यान में रखा. रन्या फिलहाल न्यायिक हिरासत में रहेंगी और उनके वकील अब सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं.
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रन्या राव ने कोर्ट से मांगी थी जमानत
रन्या के वकील ने यह तर्क दिया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और अब उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए, ताकि वह अपनी रक्षापंक्ति को मजबूत करने में सक्षम हो सकें, लेकिन कोर्ट ने यह मानते हुए याचिका खारिज कर दी कि आरोप अभी भी गंभीर हैं और न्यायिक प्रक्रिया का पालन किया जाना आवश्यक है.
अब सेशन कोर्ट में जमानत की अपील करेंगी रन्या
अब रन्या राव की कानूनी टीम सेशन कोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी कर रही है. जब तक सेशन कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता, रन्या को जेल में ही रहना होगा. इस मामले ने सोना तस्करी के नेटवर्क और उसके प्रभाव के बारे में गंभीर सावल उठाए हैं और देश में सुरक्षा व्यवस्था पर भी नए सिरे से सोचने को मजबूर कर दिया है.
12 करोड़ का सोना, ज्वैलरी, कैश हुआ था बरामद
रन्या राव को 4 मार्च को भारत में 12 करोड़ रुपये मूल्य के 14.8 किलोग्राम सोने की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. कन्नड़ एक्ट्रेस को दुबई से लौटते समय बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पकड़ा गया था.
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राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने विशेष रूप से डिजाइन किए गए कमर बेल्ट में छुपाए गए सोने को जब्त किया था. उसके बाद उसके बेंगलुरु आवास की तलाशी में 2.06 करोड़ रुपये के सोने की ज्वैलरी और 2.67 करोड़ रुपये कैश जब्त किए गए, जिससे कुल जब्त संपत्ति 17.29 करोड़ रुपये रही.