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रतन टाटा की सादगी और मानवता उनकी सबसे बड़ी पहचान: कुमार मंगलम बिड़ला

आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने रतन टाटा को उनकी सादगी और मानवीयता के लिए याद किया. उन्होंने बताया कि रतन टाटा का जीवन बहुत साधारण था, जिसमें उन्होंने कोई विशेष सुविधा का सहारा नहीं लिया.

कुमार मंगलम बिड़ला ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी. कुमार मंगलम बिड़ला ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST

आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने रतन टाटा को उनकी सादगी और मानवता के लिए याद किया. इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि रतन टाटा का जीवन बहुत ही साधारण था और उनकी सबसे बड़ी विरासत उनकी मानवता है. कुमार मंगलम बिड़ला ने बताया, "रतन टाटा ने बहुत ही सादा जीवन जिया. वह एक छोटे से घर में रहते थे, जहां सिर्फ 2-3 घरेलू कर्मचारी थे. उम्र बढ़ने के बावजूद, उन्होंने कभी अपने लिए कोई विशेष सुविधा नहीं ली. उनका एकमात्र शौक कपड़े और सूट थे. वह वास्तव में एक महान मानवतावादी थे."

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दोस्ती और व्यक्तिगत संबंध

कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि उनके परिवार और टाटा परिवार के बीच पीढ़ियों से दोस्ती रही है. उनके पिता और रतन टाटा बहुत अच्छे दोस्त थे. जब बिड़ला के पिता का निधन हुआ तो रतन टाटा ने उन्हें फोन कर कहा था, "आप मुझसे कभी भी संपर्क कर सकते हैं." बिड़ला ने बताया कि टाटा उनके पिता के अंतिम संस्कार में भी उनके साथ खड़े रहे. वो सूट पहने हुए थे और अंत तक काफी भीग चुके थे, लेकिन उनका साथ नहीं छोड़ा.

सादगी और सरलता

टाटा समूह के बोर्ड में शामिल होने के अपने अनुभव को साझा करते हुए बिड़ला ने कहा कि टाटा स्टील के बोर्ड में जब बुजुर्ग सदस्य व्हीलचेयर पर आते थे तो टाटा को असहज महसूस होता था, लेकिन वह हमेशा विनम्र और सम्मानजनक रहते थे. बिड़ला ने कहा, "रतन टाटा ने अपने जीवन में सादगी और विनम्रता को हमेशा आगे रखा."

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प्रतिस्पर्धा नहीं, सहयोग

बिड़ला ने यह भी बताया कि टाटा और बिड़ला समूहों के बीच कभी कोई सीधी प्रतिस्पर्धा नहीं रही. उन्होंने यह भी बताया कि टेलीकॉम के क्षेत्र में दोनों कंपनियों ने साथ काम किया है.

युवाओं के लिए प्रेरणा

रतन टाटा के जीवन से युवाओं के लिए प्रेरणा के बारे में बात करते हुए बिड़ला ने कहा, "टाटा ने हमेशा देश के निर्माण और समाज की भलाई के लिए काम किया. उनका जीवन हमें सिखाता है कि किसी भी काम के पीछे एक बड़ा उद्देश्य होना चाहिए, जो सिर्फ मुनाफे से आगे बढ़कर समाज को भी कुछ दे."

सादगी से जुड़ा किस्सा

अंत में बिड़ला ने एक निजी किस्सा साझा किया, जब एक सार्वजनिक कार्यक्रम में रतन टाटा ने अपनी घबराहट जाहिर की थी. बिड़ला ने कहा, "टाटा ने मुझसे कहा कि हजारों लोगों के सामने बोलने से वह घबराते हैं, जबकि वह इसे कई बार कर चुके थे. यह उनकी ईमानदारी और सादगी का उदाहरण है."

रतन टाटा की सादगी, मानवता, और देश के प्रति समर्पण ने उन्हें एक अद्वितीय व्यक्तित्व बनाया, जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा.

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