
बिहार के महागठबंधन में एक बार फिर बड़ी रार देखने को मिल रही है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) पार्टी के चीफ जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. वे बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री थे. अब खबर है कि, नीतीश कुमार मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द हो सकता है.
संतोष मांझी की जगह जदयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाया जाएगा. राज्यपाल आर्लेकर वर्तमान में पटना में नहीं हैं, इसलिए उनके लौटने पर शपथ ग्रहण किया जाएगा. मांझी के इस तरह अलग होने के बाद, बिहार में राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है.
हमने हमेशा उन्हें सम्मान दियाः तेजस्वी यादव
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि, 'मांझी जी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने ही मुख्यमंत्री बनाया था. उनके बेटे को हमलोग ने अपने ही कोटे से एमएलसी बनाया था. कभी भी कोई ये नहीं कह सकता कि हमलोग ने उनको सम्मान नही दिया है. हमने हमेशा बढ़-चढ़कर उनको सम्मान दिया. अब उन्होंने पत्र लिख दिया कि किसी कारणों से साथ नहीं चल सकते हम लोगों ने स्वीकार किया है. अब ये साफ है कि वो महागठबंधन का हिस्सा नहीं है.'
ललन सिंह ने स्वीकारी विलय की बात
वहीं, ललन सिंह ने ललन सिंह ने मांझी के विलय वाले बयान को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि 'हां एक ही जगह जितना छोटा-छोटा दुकान चलेगा.उन्होंने हमारे प्रस्ताव को ठुकरा दिया फिर पत्र लिखा की साथ रहने में सहमत नही हैं. इससे गठबंधन पर कोई असर नही पड़ने वाला है. देश की 17 पार्टियां एक जुट हो रही हैं.'
हम अपना अस्तित्व बचा रहे हैंः संतोष मांझी
असल में, संतोष मांझी ने इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा था कि वह अपना अस्तित्व बचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'जदयू चाहती थी कि हम अपनी पार्टी को उनके साथ मर्ज कर दें. लेकिन हमें वो मंजूर नहीं था. हम अकेले संघर्ष करेंगे. हमें जदयू में विलय नहीं करना है. नीतीश कुमार लगातार हमसे विलय करने के लिए कह रहे थे, लेकिन हमने इनकार कर दिया. संतोष सुमन ने कहा, हम बीजेपी के साथ जाएंगे या नहीं ये अलग बात है. हम तो अपना अस्तित्व बचा रहे हैं. नीतीश कुमार हमारा अस्तित्व खत्म करना चाह रहे हैं. हम नीतीश कुमार के लिए अपनी पार्टी कैसे तोड़ दें. अभी हम महागठबंधन में हैं. कोशिश करेंगे कि उसी में रहें, लेकिन अगर सीट नहीं देंगे, तो हम अपना रास्ता देखेंगे.
नीतीश से नाराज जीतन राम मांझी
बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं. इस नाराजगी की वजह है कि नीतीश ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है, लेकिन महागठबंधन में अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को उसका न्योता नहीं भेजा है. इससे पहले जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. इस दौरान उनके साथ उनके बेटे संतोष भी मौजूद थे. तब उन्होंने नीतीश के सामने मांग रखी थी कि उनकी पार्टी 5 लोकसभा सीटों पर लड़ेगी.
पहले लग रहे थे महागठबंधन से किनारा करने के कयास
नीतीश से मुलाकात के बाद मांझी ने कहा था कि हम गठबंधन के तहत सूबे की पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. हमारी पार्टी के लिए बिहार में पांच लोकसभा सीटें भी कम हैं.उन्होंने कहा कि हम जिधर रहेंगे, उधर जीतेंगे. ये सभी को पता है. जीतनराम मांझी ने खुलकर कुछ नहीं कहा था, लेकिन उनके इस बयान को महागठबंधन से किनारा करने और एनडीए का दामन थामने की धमकी के तौर पर देखा जाने लगा था.
रत्नेश सादा 11 साल से हैं सोनबरसा के विधायक
रत्नेश सादा जदयू के उन विधायकों में से एक है, जिनकी जनता के बीच गहरी पैठ है. इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि वह बीते 11 साल से सोनबरसा के विधायक हैं. JDU विधायक रत्नेश सादा का पैत्रिक गांव महिषी प्रखंड का कुंदह गांव है. वह पिछले 11 साल से सोनबरसा राज (सुरक्षित) विधानसभा से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ते और जीतते आ रहे है. रत्नेश सदा ने 2010 के विधानसभा चुनावों में सीट जीती थी. वह तब से सोनबरसा से जीतते आ रहे हैं और मौजूदा विधायक हैं. अब वह मंत्री बनने जा रहे हैं.