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हरियाणा में अनिल विज, महाराष्ट्र में पंकजा और राजस्थान में किरोड़ी लाल के बागी तेवर, तीनों नेताओं की नाराजगी का कारण क्या है?

हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान...ये वो तीन राज्य हैं जहां बीजेपी में बगावत देखी जा रही है. हरियाणा में अनिल विज, राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा तो महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे बगावती मूड में हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर इन तीनों नेताओं की पार्टी से नाराजगी के कारण क्या हैं और पार्टी इनके इस बागी रुख पर कैसे एक्शन ले रही है...

पंकजा मुंडे, अनिल विज और किरोड़ी लाल मीणा. पंकजा मुंडे, अनिल विज और किरोड़ी लाल मीणा.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान...ये वो तीन राज्य हैं जहां बीजेपी में बगावत देखी जा रही है. हरियाणा में अनिल विज, राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा तो महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे बगावती मूड में हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर इन तीनों नेताओं की पार्टी से नाराजगी के कारण क्या हैं और पार्टी इनके इस बागी रुख पर कैसे एक्शन ले रही है...

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पहले बात महाराष्ट्र और पंकजा मुंडे की...

पंकजा मुंडे बीजेपी के दिग्गज नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं. गोपीनाथ मुंडे का 2014 में एक सड़क हादसे में निधन हो गया था. करीब एक साल पहले की बात की है. पंकजा मुंडे ने कहा था कि 'मैं भाजपा की हूं, लेकिन भाजपा मेरी थोड़ी ही है. अगर कुछ नहीं मिला तो खेत में गन्ना काटने चली जाऊंगी.' ताजा विवाद तब गहरा गया जब पंकजा मुंडे ने यह कहकर एक नई बहस छेड़ दी कि अगर उनके पिता के समर्थक इकट्ठे हो जाएं, तो वे एक नई पार्टी का गठन कर सकती हैं. रविवार को नासिक में स्वामी समर्थ केंद्र के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, पंकजा मुंडे ने स्पष्ट किया कि उनके पिता के समर्थकों के पास इतनी प्रभावी संख्या और ताकत है कि वे एक अलग राजनीतिक दल का रूप बना सकते हैं.

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नाराजगी का क्या कारण है...

गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद पंकजा मुंडे को सियासी बुलंदी नहीं मिल पाई, जिसकी उम्मीदें लगा रखी थीं. 2014 में राज्य में सरकार बनी तो मुख्यमंत्री का पद देवेंद्र फडणवीस को मिला और उन्हें मंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा. 2014 में देवेंद्र फडणवीस की सरकार में पंकजा मुंडे कैबिनेट मिनिस्टर बनाई गई थीं. उन दौरान उनके ऊपर चिक्की घोटाला का आरोप भी लगा था. 

साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पंकजा मुंडे बीड के परली से विधानसभा का चुनाव हार गई थीं. तब यह आरोप लगाया गया कि उनके उनकी हार के लिए पार्टी के ही कुछ नेताओं ने साजिश रची थी. महाराष्ट्र में बीजेपी के पास कई ऐसे मौके आए जब लगा कि पकंजा मुंडे को विधान परिषद या फिर राज्यसभा में भेजा जा सकता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. 

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पंकजा मुंडे के स्वामित्व वाली एक चीनी फैक्ट्री पर 14 अप्रैल 2023 को जीएसटी के अधिकारियों ने छापा मारा. छापेमारी के बाद पंकजा मुंडे ने बयान दिया था कि जीएसटी अधिकारियों से बात की और मैंने उनसे पूछा कि अचानक से ऐसा कदम क्यों उठाया गया, इसपर उनका जवाब था कि ऊपर से एक आदेश था. 

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महाराष्ट्र की सियासत में देवेंद्र फडणवीस को सियासी अहमियत मिलने और पंकजा मुंडे को दरकिनार किए जाना भी एक बड़ी नाराजगी की वजह बनी. पंकजा को लगता है कि बीजेपी उनकी ओबीसी राजनीतिक प्रभाव में दखल देती है और उनका प्रभाव कम कर रही है.

अब बात किरोड़ी लाल मीणा की...

राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में हुई सरकार गठन के बाद से ही किरोड़ी लाल मीणा का बागी अंदाज देखा जा रहा है. वह आए दिन सरकार के खिलाफ मुखर रहते हैं. हाल ही में किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आमागढ में एक कार्यक्रम में बोलते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने आरोपी लगाया कि पार्टी की सरकार अपने ही मंत्री के कॉल रिकॉर्ड करवा रही है. यही नहीं, पीछे सीआईडी लगाई जा रही है. किरोड़ी ने कहा कि आशा करता था कि राज बदलेगा तो भ्रष्टाचार पर नकेल लगेगी. मुंह का खाया नाक से निकालेंगे. लेकिन मैं निराश हूं. क्योंकि जो आंदोलन हमने किए, उसकी वजह से हम सत्ता में आए. उन मुद्दों पर कोई काम नहीं हो रहा है, उन्हें भुला दिया गया है.

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नाराजगी की वजह 

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा राज्य सरकार में अच्छा विभाग नहीं मिलने से शुरू से ही नाराज़ चल रहे हैं. अब ट्रांसफ़र पोस्टिंग में उनकी नहीं माने जाने से खुलकर बगावत के मूड में हैं. लोकसभा चुनाव में दौसा सीट हारने के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, मगर सरकार ने स्वीकार नहीं किया. विधानसभा उपचुनाव में किरोड़ी मीणा अपने छोटे भाई जगमोहन मीणा को दौसा से टिकट देने पर सरकार में वापस आ गए थे, लेकिन भाई के चुनाव हारने पर भीतरघात का आरोप लगाते हुए फिर से नाराज हो गए. 

अब बात हरियाणा के नेता अनिल विज की...

हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज को भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को कारण बताओ नोटिस भेजा है. पिछले कुछ दिनों से अनिल विज प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मोहन लाल बडौली और हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे थे जिसके चलते पार्टी ने उन्हें यह नोटिस भेजा है. हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष मोहन लाल बडौली की तरफ से अनिल विज को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. नोटिस में लिखा गया है कि आपने सार्वजनिक तौर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी की है. ये गंभीर आरोप हैं और पार्टी की नीति और आंतरिक अनुशासन के खिलाफ हैं.

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क्यों नाराज हैं अनिल विज

अनिल विज की नाराजगी की मुख्य वजह सीएम पद मानी जाती है. अनिल विज कई बार सार्वजनिक रूप से सीएम बनने की इच्छा जता चुके हैं. लेकिन ऐसा नहीं होने पर वो खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं. विज ने हाल ही में ये दावा भी किया था कि उन्हें अंबाला सीट पर हराने के लिए साजिश रची गई थी. अनिल विज का कहना है कि सीएम सैनी जमीनी हकीकत से दूर हैं. साथ ही अनिल विज कई बार ये कह चुके हैं कि हरियाणा में सबसे वरिष्ठ बीजेपी नेता होने के बावजूद उन्हें हमेशा दरकिनार किया गया है. 

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