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लाल किला हिंसा पर बोले योगेंद्र यादव- ऐसा करने वाले आंदोलन के दुश्मन

योगेंद्र यादव ने कहा कि लाल किले पर तिरंगे के अलावा कोई और झंडा फहराया जाना देश को शर्मसार करने वाली घटना है. यह हमारी मर्यादा के खिलाफ है. हमारी घोषणा के विरुद्ध था, जिन लोगों ने यह किया वो इस आंदोलन के दुश्मन हैं. फिर भी हम नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं.

योगेंद्र यादव ने कहा, हम नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं (फाइल-पीटीआई) योगेंद्र यादव ने कहा, हम नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं (फाइल-पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:05 PM IST
  • '26 की घटना हमारी मर्यादा और घोषणा के खिलाफ'
  • 'लाल किले पर झंडा फहराना शर्मसार करने वाला'
  • घटना के दोषियों को सजा दी जाएः योगेंद्र यादव

गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा और लाल किले पर धार्मिक झंडा लहराए जाने को लेकर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने इस हिंसा की नैतिक जिम्मेदारी ली है. लाल किले के दोषियों को सजा दी जाए. जिन्होंने यह सब किया वो आंदोलन के दुश्मन हैं.

किसानों के साथ आंदोलन करने वाले स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने आजतक के साथ खास बातचीत में 26 जनवरी को हुई हिंसा और लाल किले पर झंडा लहराए जाने के बारे में कहा कि जैसे ही यह खबर आई हमने तुरंत कहा कि यह देश को शर्मसार करने वाली घटना है. दो दिन बाद जब हम आपस में मिले तो प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की.

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उन्होंने आगे कहा कि लाल किले में तिरंगे के अलावा कोई और झंडा फहराया जाना देश को शर्मसार करने वाली घटना है. यह हमारी मर्यादा के खिलाफ है. हमारी घोषणा के खिलाफ था, जिन लोगों ने यह किया वो इस आंदोलन के दुश्मन हैं. फिर भी हम नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं. साथ ही यह भी कहा कि एक फरवरी को प्रस्तावित संसद मार्च को वापस लिया गया है.

योगेंद्र ने उठाए सवाल

हालांकि योगेंद्र यादव ने खास बातचीत में सवाल उठाते हुए कहा कि ट्रैक्टर से किसान रिंग रोड पर तो आ गए लेकिन लाल किले के अंदर उन्हें कौन लेकर गया. दीप सिद्धू जो किसानों के साथ गया ही नहीं था उसे लाल किले में किसने घुसने दिया. साथ ही जब लाल किले पर तिरंगे के अलावा दूसरा झंडा फहराया जा रहा था तो पुलिस वाले कुर्सी पर क्यों बैठे रहे. किसानों के साथ पुलिसवाले सेल्फी क्यों ले रहे थे. इसके घटना के दोषियों को सजा दी जाए. 

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सरकार से बातचीत को बारे में योगेंद्र यादव ने कहा कि बातचीत हमने कभी तोड़ी नहीं. हमने कभी नहीं कहा कि किसान बातचीत करने नहीं जाएंगे. प्रधानमंत्री क्या अगर कृषि मंत्री ही कह दें तो हम बातचीत के लिए चले जाएंगे. उन्होंने कहा कि सीधी सी बात है कि जो हमारे मुद्दे हैं, हम बात करना चाहते हैं. सरकार ने बातचीत तोड़ी थी और वह दोबारा शुरू कर दे तो कोई दिक्कत की बात ही नहीं है.

किसान देशद्रोही नहींः योगेंद्र

योगेंद्र यादव ने कहा किसान को बदनाम नहीं कर सकते. किसान को देशद्रोही नहीं बता सकते. जिस दिन किसान देशद्रोही हो जाएगा देश बचेगा नहीं. यह अच्छी बात है कि सरकार को थोड़ी सदबुद्धि आई है. हम बातचीत के लिए तैयार हैं. हम पहले दिन से तैयार हैं. सरकार ने 20 तारीख को जो कहा था और 22 को दोहराया था अगर सरकार उससे आगे बढ़ने को तैयार है तो जरूर बातचीत होगी. 

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26 जनवरी के दिन की घटना के बाद के घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि किसानों के पिछले दो महीने के आंदोलन के दौरान सरकार के पास कोई तर्क नहीं था. कोई नैतिक आधार नहीं था. बस वह इस फिराक में थी कि उसे कहीं से 90 सेकेंड का वीडियो मिल जाए जिससे इस आंदोलन को बदनाम कर सके. 26 जनवरी को एक नहीं दो-दो वीडियो मिल गए. सरकार ने सोचा कि मजा आ गया. अब इनको मसल देंगे.

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उन्होंने कहा कि फिर वही हुआ. पहले मीडिया वालों से गाली दिलवाओ, फिर पत्थर-लाठी डंडों के साथ गुंडों को भेजो. पीछे पुलिस होगी. गुंडों के खिलाफ नहीं, गुंडों के साथ होगी. सरकार ने पिछले 72 घंटे में सब कुछ कर लिया, लेकिन कामयाब नहीं हुए. हर जगह का कामयाब फॉर्मूला यहां कामयाब नहीं हुआ.

 

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