
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर जब किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली तो उसमें उत्पात भी मच गया. खासकर, दिल्ली के आईटीओ और लाल किला इलाके में प्रदर्शनकारी काफी उग्र हो गए, पुलिस भी एक्शन लेती नजर आई. इस सबके बीच सबसे बड़ी चर्चा लाल किले की प्राचीर पर झंडा फहराने को लेकर होने लगी. जहां पीएम तिरंगा फहराते हैं उस जगह किसी और झंडे का लगाया जाना, आलोचना का विषय बन गया है. हालांकि, जिस युवक को झंडा लगाने वाला बताया जा रहा है उसका परिवार इस घटना पर फख्र कर रहा है.
26 जनवरी को जब राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड खत्म हुई तो किसानों के ट्रैक्टर आईटीओ की तरफ बढ़ने लगे. पुलिस से झड़प हुई. कुछ ट्रैक्टर आगे बढ़ गए और लाल किले की तरफ चले गए. देखते ही देखते लाल किले पर भारी भीड़ जमा हो गई. भीड़ लाल किले की प्राचीर तक चली गई. इसी दौरान लाल किले की प्राचीर पर सिख धर्म का झंडा यानी निशान साहिब फहराया गया.
जब ये घटना हुई तब बड़ी तादाद में किसान लाल किले के परिसर में मौजूद थे. उस वक्त की जो वीडियो सामने आई हैं उनमें नजर आ रहा है कि एक-दो युवक झंडे के लिए लगे बड़े डंडे पर चढ़कर निशान साहिब लगा रहे हैं.
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झंडा फहराने वाला युवक पंजाब के तरनतारन जिले के एक गांव का रहने वाला बताया जा रहा है. युवक के पिता और दादा खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके बेटे ने बहादुरी दिखाई है और वह इससे बहुत खुश हैं. परिवार की एक वीडियो भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें युवक के पिता और दादा खुशी जता रहे हैं. झंडा फरहाने वाले इस युवक का नाम जुगराज सिंह बताया जा रहा है.
वायरल वीडियो में जो शख्स जुगराज सिंह के पिता, दादा, मां और दादी को दिखा रहा है, वो खुद को भी जुगराज का रिश्तेदार बता रहा है. वीडियो में जुगराज के दादा कह रहे हैं, ''सिखों के लिए यह गर्व की बात है कि लाल किले पर खालसा का झंडा पहले भी लहराया गया था और अब 2021 में एक बार फिर खालसा का विजयी झंडा लहराया गया है.''
इस सबके बीच दिल्ली में हुई हिंसा पर पुलिस एक्शन ले रही है. हालांकि, झंडा फरहाने वालों पर किसी कानूनी कार्रवाई की बात अभी तक सामने नहीं आई है.