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'ये पुराना वीडियो है...', संदेशखाली की पीड़िताओं की पहचान पर उठे सवाल तो ये बोलीं रेखा पात्रा

बशीरहाट से बीजेपी प्रत्याशी और संदेशखाली की पीड़िता रेखा पात्रा ने राष्ट्रपति से मिलने वाली पीड़िताओं की पहचान पर सवाल उठाने वाली वीडियो पर सफाई दी है. उन्होंने अपने इस वीडियो को पुराना बताया है और कहा कि ये वीडियो मेरे बीजेपी के उम्मीदवार बनने से पहले का है.

BJP उम्मीदवार रेखा पात्रा. (फाइल फोटो) BJP उम्मीदवार रेखा पात्रा. (फाइल फोटो)
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 10 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:59 AM IST

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना की बशीरहाट लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और संदेशखाली पीड़िता रेखा पात्रा का एक वीडियो सामने आया था. इस वीडियो में वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने गईं पीड़िताओं की पहचान पर सवाल उठा रही हैं. अब उन्होंने गुरुवार को इस पर अपनी सफाई दी है. रेखा पात्रा का कहना है कि ये वीडियो मेरे बीजेपी के उम्मीदवार बनने से पहले का है.

भाजपा प्रत्याशी ने वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले संदेशखाली पीड़ितों की पहचान पर सवाल उठाने वाला उनका वीडियो पुराना है. हालांकि, आजतक.In रेखा पात्रा के इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता.

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रेखा पात्रा ने TMC पर साधा निशाना

उन्होंने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि टीएमसी उस वीडियो को शेयर करके महिलाओं का अपमान कर रही है. पुलिस ने मुझे अपनी शिकायत वापस लेने के लिए कहा था और मुझसे यह लिखने के लिए कहा था कि शेख शाहजहां  किसी भी आर्थिक अनियमितताओं में शामिल नहीं था और उसने आत्मसमर्पण किया था. पुलिस हमारे साथ नहीं, बल्कि शेख शाहजहां जैसे लोगों के साथ खड़ी थी. मुख्यमंत्री ने हमारे लिए कुछ नहीं कहा, केवल हम पर हमला किया.

वहीं, पश्चिम बंगाल में संदेशखाली से जुड़े एक कथित स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मचा हुआ है. इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष गंगाधर कयाल, बशीरहाट उम्मीदवार रेखा पात्रा के खिलाफ संदेशखाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी और अन्य के खिलाफ चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है. 

इस सबके इतर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने संदेशखाली की घटना को अंजाम देने में भाजपा के शामिल होने का आरोप लगाया है.

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मार्च में पीड़िताओं ने की राष्ट्रपति से मुलाकात

आपको बता दें कि संदेशखाली की छह महिलाओं  ने मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी और इलाके में महिलाओं की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों की तैनाती की मांग की थी. इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. इस दौरान सेंटर फॉर एससी/एसटी सपोर्ट एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. पार्थ बिस्वास ने कहा कि संदेशखाली बांग्लादेश बॉर्डर के साथ लगा हुआ है, 10 साल में इसी रास्ते से बड़ी घुसपैठ हुई है. संदेशखाली की डेमोग्राफी तेज़ी से बदल रही है.  उन्होंने कहा कि ED पर हुए अटैक के पीछे बाहरी ताकत शामिल थी. उन्होंने टीएमसी का नाम लिए बिना कहा कि शेख शाहजहां के पीछे एक बड़ी पार्टी है. शाहजहां शेख ने दलितों को उनकी ज़मीन से हटाया गया है, आदिवासी ज़मीन की लीज वापस लेने पर मारपीट भी हुई.

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