
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बकरीद को लेकर एक संगठन को खास तौर पर निर्देशित किया कि वह महाराष्ट्र सरकार के पास जाएं. कोर्ट ने संगठन को निर्देश देते हुए कहा कि, वह देवनार स्लाटरहाउस में पशु निरीक्षण शुल्क में कमी की मांग के लिए महाराष्ट्र सरकार से संपर्क करें. हाईकोर्ट ने कहा कि, वह 21 जून को बकरीद के दौरान औपचारिक स्लाटर के लिए देवनार स्लाटर में मवेशियों को छोड़ने के लिए लगाए गए पशु निरीक्षण शुल्क में कमी की मांग के लिए महाराष्ट्र सरकार से संपर्क करें.
दरअसल, एडिशनल सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने अदालत को बताया कि एनजीओ अल-क्वारिश ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार से संपर्क किए बिना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. एनजीओ ऐसा करने के लिए तब सहमत हुआ जब जस्टिस एमएम सथाये और सोमशेखर सुंदरेसन की अवकाश पीठ ने राज्य को निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द त्योहार की तारीख का ध्यान रखते हुए प्रतिनिधित्व पर विचार करे.
एनजीओ ने 21 जून, 2023 के एक सरकारी प्रोपेजल द्वारा अधिसूचित पशु निरीक्षण शुल्क लगाने के लिए राज्य अधिकारियों को निर्देश देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसने केवल ईद के दौरान वध-पूर्व निरीक्षण शुल्क को ₹200 से घटाकर ₹20 कर दिया. एनजीओ ने राज्य अधिकारियों को 2023 के जीआर में निर्देशों का सख्ती से पालन करने का आदेश देने की मांग की. याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि अवकाश पीठ से संपर्क करने की तात्कालिकता यह थी कि चूंकि त्योहार से 15 दिन पहले मवेशियों की बिक्री शुरू हो गई थी, इसलिए पूरे महाराष्ट्र के किसान जल्द ही देवनार एबटॉयर में मवेशियों को लाना शुरू कर देंगे.