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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राष्ट्र के नाम संबोधन, कहा- कोरोना से लड़ाई चुनौती

Republic Day 2022: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गणतंत्र दिवस का यह दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:40 PM IST
  • 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर किया संबोधित
  • अधिकार और कर्तव्य एक सिक्के के दो पहलूः राष्ट्रपति
  • कोविड नियमों का पालन करना राष्ट्र धर्म

73वें गणतंत्र दिवस (Republic Day 2022) की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने देश को संबोधित किया. राष्ट्र के नाम संबोधन में रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी. रामनाथ कोविंद ने कहा, गणतन्त्र दिवस का दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया तथा उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया. उन्होंने कहा कि अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.

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राष्ट्रपति ने कहा, 'दो दिन पहले, 23 जनवरी को हम सभी देशवासियों ने ‘जय-हिन्द’ का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया है. स्वाधीनता के लिए उनकी ललक और भारत को गौरवशाली बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है. हम अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि हमारे संविधान का निर्माण करने वाली सभा में उस दौर की सर्वश्रेष्ठ विभूतियों का प्रतिनिधित्व था. वे लोग हमारे महान स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख ध्वज-वाहक थे.'

कोरोना से लड़ाई चुनौती है
कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, कोरोना में अनगिनत परिवार, भयानक विपदा के दौर से गुजरे हैं. हमारी सामूहिक पीड़ा को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. लेकिन एकमात्र सांत्वना इस बात की है कि बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकी है. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, अतः हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में तनिक भी ढील नहीं देनी चाहिए. हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है.

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देशवासियों से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह आज राष्ट्र धर्म बन गया है और हमें तब तक इसे निभाना है जब तक की कोरोना का संकट दूर नहीं हो जाता है. 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी किया याद
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सन 1930 में महात्मा गांधी ने देशवासियों को 'पूर्ण स्वराज दिवस' मनाने का तरीका समझाया था. यथाशक्ति रचनात्मक कार्य करने का गांधीजी का यह उपदेश सदैव प्रासंगिक रहेगा. महात्मा गांधी चाहते थे कि हम अपने भीतर झांक कर देखें, आत्म-निरीक्षण करें और बेहतर इंसान बनने का प्रयास करें, और उसके बाद बाहर भी देखें, लोगों के साथ सहयोग करें और एक बेहतर भारत तथा बेहतर विश्व के निर्माण में अपना योगदान करें.

 

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