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रेवाड़ी फैक्ट्री विस्फोट मामले में FIR दर्ज, CM सैनी ने दिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

गंभीर रूप से घायल 19 श्रमिकों को पीजीआईएमएस-रोहतक में भर्ती कराया गया है, जबकि 10 का इलाज रेवाड़ी के एक ट्रॉमा सेंटर में किया जा रहा है. कुछ अन्य का इलाज रेवाडी और धारूहेड़ा के निजी अस्पतालों में चल रहा है. घायल श्रमिकों में से एक को शनिवार देर रात छुट्टी दे दी गई.

Nayab Singh Saini Nayab Singh Saini
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST

हरियाणा के रेवाड़ी में एक स्पेयर पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में विस्फोट मामले को लेकर पुलिस ने रविवार को केस दर्ज किया है. बॉयलर विस्फोट की घटना में 40 कर्मचारी घायल हो गए. मामले में ठेकेदार और अन्य पर मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा कि रविवार को धारूहेड़ा पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई. पुलिस ने कहा कि शनिवार को धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में विस्फोट में लगभग 40 कर्मचारी झुलस गए.

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गंभीर रूप से घायल 19 श्रमिकों को पीजीआईएमएस-रोहतक में भर्ती कराया गया है, जबकि 10 का इलाज रेवाड़ी के एक ट्रॉमा सेंटर में किया जा रहा है. कुछ अन्य का इलाज रेवाडी और धारूहेड़ा के निजी अस्पतालों में चल रहा है. घायल श्रमिकों में से एक को शनिवार देर रात छुट्टी दे दी गई. अधिकारियों ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक उपविभागीय मजिस्ट्रेट के तहत जांच के आदेश दिए हैं. एफआईआर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक मजदूर राज कुमार की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी.

शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे ठेकेदार शिवम के जरिए काम पर रखा गया था. जिस वक्त बॉयलर डस्ट कलेक्टर में धमाका हुआ उस वक्त फैक्ट्री में करीब 60-70 कर्मचारी मौजूद थे.राजकुमा ने अपनी शिकायत में कहा कि, "पिछले दो मौकों पर डस्ट कलेक्टर में विस्फोट हुआ था, हालांकि तब किसी को कोई चोट नहीं आई थी. उस समय की घटना को फैक्ट्री के ठेकेदार और अन्य संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया था और कहा गया था कि इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए." इसकी उचित मरम्मत के लिए भुगतान किया जाए क्योंकि इससे भविष्य में कोई अप्रिय घटना हो सकती है,'' 

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. एक घायल फैक्ट्री कर्मचारी मनोज कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि विस्फोट तब हुआ जब कई कर्मचारी ड्यूटी पर थे. जिला अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि घायलों को प्रारंभिक उपचार दिया गया है. बाद में, 50 प्रतिशत से अधिक जले हुए लोगों को पीजीआईएमएस-रोहतक में स्थानांतरित कर दिया गया.

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