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आरजी कर मेडिकल कॉलेज करप्शन केस में एक्शन, CBI ने संदीप घोष समेत 5 आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार मामले में तत्कालीन प्रिंसिपल समेत 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. सीबीआई ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की है.

CBI ने संदीप घोष समेत 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है (फाइल फोटो) CBI ने संदीप घोष समेत 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है (फाइल फोटो)
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार मामले में तत्कालीन प्रिंसिपल समेत 5 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. सीबीआई ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की है. 

सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने IPC की धारा 120बी के साथ ही आईपीसी की धारा 409, 420, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 की धारा 7, 13(2) के साथ 13(1)(ए) के तहत सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में जांच के बाद इन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.  

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- डॉ. संदीप घोष, तत्कालीन प्रिंसिपल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कोलकाता
- डॉ. आशीष कुमार पांडे, तत्कालीन हाउस स्टाफ, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल
-बिप्लब सिंघा, मेसर्स मां तारा ट्रेडर्स के प्रोपराइटर
- सुमन हाजरा, मेसर्स हाजरा मेडिकल की प्रोपराइटर
- अफसर अली खान, मेसर्स ईशान कैफे के अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी और मुख्य व्यक्ति.

ये मामला कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर दर्ज किया गया था. 

छात्रों ने लगाए थे वित्तीय अनियमितताओं के आरोप

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में छात्रा के रेप एंड मर्डर केस के बाद भारी हंगामा मचा था. डॉक्टरों ने लंबे समय तक प्रदर्शन किया था. देशभर में जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे. इसी बीच छात्रों और डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भारी वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था. इसमें पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सभी घोटालों का सरगना बताया गया था. इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया था. 

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सरकारी धन का दुरुपयोग करने का आरोप

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं का मामला तब सामने आया, जब मेडिकल उपकरणों और अन्य सामग्रियों की खरीद में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई. सीबीआई की जांच में यह पाया गया कि आरोपियों ने साजिश रचकर उपकरणों और सामग्रियों की खरीद में घोटाला किया. साथ ही सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया.

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