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पांच साल में China की सीमा पर बनी सबसे लंबी सड़क, सबसे छोटी बांग्लादेश बॉर्डर पर

पिछले पांच सालों में देश के उत्तर से लेकर पूर्वी इलाके तक चीन सीमा के बगल सबसे ज्यादा सड़कें बनाई गईं. इसके बाद पाकिस्तान से सटी सीमा के पास. रक्षा मंत्रालय ने संसद में चल रहे मॉनसून सत्र में यह जानकारी दी है.

उत्तर से पूर्व तक चीन सीमा पर सड़कों का निर्माण करना बेहद मुश्किल कार्य है. (फोटोः BRO/FB) उत्तर से पूर्व तक चीन सीमा पर सड़कों का निर्माण करना बेहद मुश्किल कार्य है. (फोटोः BRO/FB)
अभिषेक भल्ला
  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST
  • रक्षा मंत्रालय ने संसद में दी जानकारी
  • सही सड़कों से सेना की तैनाती आसान

सीमाओं पर बनी सड़कें देश की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी होती है. इसलिए वहां सड़कों का निर्माण कार्य लगातार चलता रहता है. रक्षा मंत्रालय ने संसद में चल रहे मॉनसून सत्र में यह जानकारी दी कि पिछले पांच साल में चीन सीमा के पास सबसे ज्यादा लंबी सड़क बनी है. साथ ही मंत्रालय ने इन सड़कों की लागत के बारे में भी बताया है. 

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सीमाओं पर सड़क बनाने का काम सीमा सड़क संगठन (Border Road Organisation - BRO) का होता है. पिछले पांच सालों में देश की सीमाओं के पास ऑल वेदर सड़क (All Weather Road) बनाने का काम किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा लंबी सड़क चीन सीमा और उसके बाद पाकिस्तान सीमा पर बनाई गई है. 

पहाड़ी सीमाओं पर सड़क बनाने में ज्यादा समय और अधिक लागत आती है. प्राकृतिक खतरे भी ज्यादा होते हैं. (फोटोः BRO/FB)

भारत-चीन सीमा (India-China Border) के पास पिछले पांच साल में 2088.57 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई है. जिसकी कुल लागत है 15,477.06 करोड़ रुपये. इसके बाद सबसे लंबी सड़क बनी है भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan Border) की सीमा के पास 1336.09 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई है. जिसे बनाने में 4242.38 करोड़ रुपये की लागत आई है. चीन सीमा पर ऊंचे और दुरूह पहाड़ों की वजह से निर्माण में समय भी ज्यादा लगता है और लागत भी अधिक आती है. 

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भारत-म्यांमार (India-Myanmar) सीमा के पास 151.15 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई है, जिसे बनाने में कुल 882.52 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. जबकि, भारत-बांग्लादेश (India-Bangladesh) सीमा पर कुल 19.25 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में 165.45 करोड़ रुपये की लागत आई है. इन चारों सीमाओं पर कुल 3596.06 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई है, जिसमें कुल मिलाकर 20,767.41 करोड़ रुपये का खर्च बैठा है. 

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