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'जहरीली हवा को जाति-धर्म से फर्क नहीं पड़ता...', बेदम दिल्ली पर रॉबर्ट वाड्रा का फेसबुक पोस्ट!

रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि ये देखना भयावह है कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के नागरिकों की सुरक्षा और भलाई को अपने राजनीतिक स्वार्थ का विषय बना दिया है. यहां जीतने के लिए विचारधाराओं की लड़ाई नहीं है. यह केवल अस्तित्व का प्रश्न है. जहरीली हवा को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस जाति या धर्म से हैं. ये एक अंधाधुंध हत्यारा है.

रॉबर्ट वाड्रा रॉबर्ट वाड्रा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

दिल्ली सहित पूरा उत्तर भारत इस समय प्रदूषण की चपेट में है. दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी है. हवा इतनी जहरीली हो गई है कि सांस लेने में कई लोगों को दिक्कत हो रही है. वायु प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली में ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है. इस बीच रॉबर्ट वाड्रा ने प्रदूषण को लेकर फेसबुक पोस्ट की है.

रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि ये देखना भयावह है कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के नागरिकों की सुरक्षा और भलाई को अपने राजनीतिक स्वार्थ का विषय बना दिया है. यहां जीतने के लिए विचारधाराओं की लड़ाई नहीं है. यह केवल अस्तित्व का प्रश्न है. जहरीली हवा को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस जाति या धर्म से हैं. ये एक अंधाधुंध हत्यारा है. अब रोडमैप बनाने का समय आ गया है. समाधान की राह हमसे शुरू होती है.

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वाड्रा ने कहा कि मैं सोचता हूं कि अगर कभी कोई ऐसा अवसर आया हो जिसमें हमें अपने राजनीतिक मतभेदों को एक तरफ रखने की मांग हुई हो, तो वह यही है. दुनिया के किसी भी अन्य शहर की तुलना में छोटे बच्चे और हमारे वरिष्ठ नागरिक प्रदूषण के इस स्तर से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. यह टालने योग्य समस्या है और ये समय आ गया है कि हम एक उत्पादक चर्चा में एक साथ आएं. मुझे लगता है, अगर हम वास्तव में अपने पास उपलब्ध पर्याप्त संसाधनों और प्रतिभा को अच्छे उपयोग के लिए एक साथ रखें तो हम वास्तव में समाधान निकाल सकते हैं. 

उन्होंने कहा कि चीन बड़े पैमाने पर पवनचक्की शैली के पंखे (स्मॉग कवर को खत्म करने के लिए) जैसी तकनीकों का उपयोग करके अपने स्मॉग के स्तर को काफी हद तक कम करने में सक्षम है. मैंने पढ़ा कि दिल्ली सरकार बारिश वाले बादलों को कृत्रिम रूप से बोने के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने की योजना बना रही थी. अब समय आ गया है कि हम इन कल्पनाशील समाधानों को लागू करें. मुझे यकीन है कि प्रतिभाशाली पर्यावरण विद्वानों के पास पहले से ही ये समाधान हैं. कलह और राजनीतिक लाभ किसी के लिए कुछ नहीं करते.

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क्या है GRAP?

GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
GRAP-2: बहुत खराब (AQI 301-400‌)
GRAP-3: गंभीर ( AQI 401 से 450)
GRAP-4: बहुत गंभीर ( AQI 450 से ज्यादा)

ग्रैप 4 कितना कारगर?

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता संकट हर साल गंभीर रूप लेता है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर प्लस श्रेणी में होने से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. सरकार ने आज से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण को लागू कर दिया है, जो वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सबसे कठोर उपाय के तौर पर माना जाता है.

पिछले साल दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप के पहले चरण को 6 अक्टूबर, दूसरे चरण को 21 अक्टूबर, तीसरे चरण को 2 नवंबर और चौथे चरण को 5 नवंबर को लागू किया गया था. 2023 में ग्रैप 4 कुल 14 दिन लागू रहा था. 19 नवंबर को जब AQI लेवल 319 पर आ गया था, तब ग्रैप 4 की पाबंदिया हटा दी गई थीं और हवा साफ रहने तक ग्रैप 3 लागू रहने के निर्देश दिए गए थे. इसी तरह साल 2022-23 की सर्दियों में भी ग्रैप 4 को सिर्फ 3 दिन लागू रखना पड़ा था.

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