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चीफ इमाम से मिलने दिल्ली की मस्जिद में पहुंचे RSS प्रमुख मोहन भागवत, एक महीने में दूसरी बड़ी मुलाकात

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी समेत अन्य मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की. संघ प्रमुख की इमाम उमर अहमद इलियासी के साथ ये बैठक करीब एक घंटे चली. RSS प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि RSS सरसंघचालक जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों से मिलते हैं. यह एक सतत सामान्य संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है.

मोहन भागवत ने इमाम उमर अहमद इलियासी से की मुलाकात (फोटो-एएनआई) मोहन भागवत ने इमाम उमर अहमद इलियासी से की मुलाकात (फोटो-एएनआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने गुरुवार को ऑल इंडिया मुस्लिम इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी समेत अन्य मुस्लिम नेताओं से मुलाकात की. ये मुलाकात दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग मस्जिद में हुई. यह बैठक करीब एक घंटे तक चली. मोहन भागवत की मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ एक महीने में यह दूसरी बैठक है. इससे पहले मोहन भागवत ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक पांच सदस्यीय दल ने मुलाकात की थी. 

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संघ प्रमुख की इमाम उमर अहमद इलियासी के साथ करीब एक घंटे चली बैठक बंद कमरे में हुई. RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने इसे लेकर कहा कि RSS सरसंघचालक जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों से मिलते हैं. यह एक सतत सामान्य संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है. उमर अहमद इलियासी के साथ बैठक के दौरान भागवत के साथ संघ के कृष्ण गोपाल, राम लाल और इंद्रेश कुमार भी मौजूद रहे. 

22 अगस्त को भी हुई थी बैठक

इससे पहले संघ प्रमुख भागवत ने 22 अगस्त को मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक पांच सदस्यीय दल से मुलाकात की थी. यह बैठक करीब दो घंटे चली थी. इस बैठक में देश में सांप्रदायिक सौहार्द मजबूत करने और हिंदू-मुस्लिमों के बीच गहरी हो रही खाई को पाटने की जरूरत पर बल दिया गया था. मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मिलकर काम करने के लिए भागवत ने संघ के चार सदस्यों को नियुक्त करने की बात कही थी. 

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संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलने वालों में पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति जमीरुद्दीन शाह और कारोबारी सईद शेरवानी शामिल थे.  मोहन भागवत से मिलने की पहल मुस्लिम बुद्धिजीवियों की ओर से की गई थी. ये पहल उस समय हुई है जब बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी से स्थिति बिगड़ी थी.

पत्र लिखकर भागवत से मांगा था वक्त 

शाहिद सिद्दीकी ने aajtak.in को बताया था कि देश में बिगड़ रहे सांप्रदायिक सौहार्द पर चिंतन करने के लिए पहले हम पांचों सदस्यों ने आपस में बात की. इस दौरान सभी ने तय किया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिला जाए और उनके साथ सारे मुद्दे पर मंथन किया जाए, क्योंकि संघ का प्रभाव जिस तरह हिंदू समुदाय के बीच बढ़ा है, ऐसे में उसे दरकिनार कर आगे नहीं बढ़ा जा सकता. इसके बाद ही संघ प्रमुख को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा गया, जिस पर उन्होंने काफी दिनों के बाद 22 अगस्त को वक्त दिया था. 

शाहिद सिद्दीकी ने बताया था कि इस दौरान देश में सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने और अंतर-सामुदायिक संबंधों में सुधार पर व्यापक चर्चा हुई. संघ प्रमुख ने बैठक के दौरान साफ तौर पर कहा कि हमें न तो इस्लाम से कोई दिक्कत है, न कुरान से और न ही मुसलमानों से. ऐसे में हमें भी गलतफहमी को दूर करना चाहिए और एक दूसरे के लिए अपने-अपने दिलों के दरवाजे खोलने चाहिए ताकि माहौल अच्छा हो सके. 

 

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