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'हम भगवान बनेंगे या नहीं ये लोग तय करेंगे', पुणे में बोले RSS चीफ मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के पुणे में एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि विचार की गहराई काम की ऊंचाई को बढ़ाती है. हम भगवान बनेंगे या नहीं ये तो लोग तय करेंगे.

RSS chief Mohan Bhagwat (File Photo) RSS chief Mohan Bhagwat (File Photo)
aajtak.in
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  • 06 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:14 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं को सलाह दी है कि वे यह ना समझें की वह भगवान बन गए हैं. उन्होंने पुणे में भाषण देते हुए कहा कि विचार की गहराई काम की ऊंचाई को बढ़ाती है. हम भगवान बनेंगे या नहीं ये तो लोग तय करेंगे.

उन्होंने आगे कहा,'कुछ लोग सोचते हैं कि हमें सुलगने के बजाय बिजली की तरह चमकना चाहिए. लेकिन बिजली गिरने के बाद पहले से भी ज्यादा अंधेरा हो जाता है. इसलिए कार्यकर्ताओं को बिजली नहीं, बल्कि दिए की तरह जलना चाहिए. जब जरूरी हो तब चमकें. लेकिन ध्यान रखें कि जब यह चमकेगा तो आपके सिर पर नहीं चढ़ेगा.'

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मणिपुर में स्थिति गंभीर है, क्योंकि वहां...

मोहन भागवत ने सलाह दी कि विचार की गहराई काम की ऊंचाई को बढ़ाती है. आरएसएस प्रमुख ने पूर्व सीमा विकास प्रतिष्ठान के कार्यक्रम में मणिपुर में हुई हिंसा पर भी टिप्पणी की. RSS चीफ ने कहा,'मणिपुर में स्थिति गंभीर है, क्योंकि वहां कोई सुरक्षा नहीं है. स्थानीय नागरिक भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. ऐसी स्थिति में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक वहां डटे हुए हैं. वहां से भागे नहीं हैं.'

जातीय जनगणना पर RSS ने दिया था बयान

हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जातीय जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया था. आरएसएस ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताया था. संघ ने कहा था कि पंच परिवर्तन के तहत इस पर चर्चा की गई, और संगठन ने निर्णय लिया है कि मास लेवल पर समरसता को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाएगा.

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जातिगत प्रतिक्रियाएं एक संवेदनशील मुद्दा

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने कहा था कि हमारे समाज में जातिगत प्रतिक्रियाएं एक संवेदनशील मुद्दा है और यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जातीय जनगणना का इस्तेमाल चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

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