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'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सिर्फ एक संगठन नहीं बल्कि...', जैसलमेर में बोले दत्तात्रेय होसबाले

बुधवार को जैसलमेर प्रवास के दौरान शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस का कार्य, जो 1925 में नागपुर के एक छोटे से स्थान से शुरू हुआ था, अब देश के सभी राज्यों और जिलों तक पहुँच गया है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य इसे देश के हर प्रखंड और कॉलोनी तक पहुँचाना है.

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले. (फाइल फोटो- PTI) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले. (फाइल फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:47 AM IST

आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि आरएसएस सिर्फ एक संगठन नहीं है, बल्कि यह भारत के सभी रूपों में उत्थान और पुनरुत्थान के लिए एक महान अभियान है. उन्होंने इसे "राष्ट्रीय जीवन का एक महत्वपूर्ण आंदोलन" कहा. होसबाले ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के जज रहे केटी थॉमस ने हाल ही में आरएसएस को परिभाषित करते हुए कहा कि यह संगठन भारत में लोकतंत्र की सुरक्षा और संरक्षण की गारंटी है.

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बुधवार को जैसलमेर प्रवास के दौरान शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस का कार्य, जो 1925 में नागपुर के एक छोटे से स्थान से शुरू हुआ था, अब देश के सभी राज्यों और जिलों तक पहुँच गया है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य इसे देश के हर प्रखंड और कॉलोनी तक पहुँचाना है. अपने बयान में उन्होंने कहा कि शुरुआत में आम लोग आरएसएस को मजाक के रूप में लेते थे, लेकिन यह संगठन, जो स्वयंसेवकों के बलिदान और समर्पण से बना है, आज अपनी पहचान सबसे बड़े सामाजिक संगठन के रूप में स्थापित करने में सफल रहा है.

'हिंदू राष्ट्र' की अवधारणा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हिंदुत्व केवल एक धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का एक तरीका है. स्वामी विवेकानंद ने इस एकीकृत विचार के साथ धर्म का प्रचार किया. ऐसे महान व्यक्तियों से प्रेरित होकर, आरएसएस ने आम जनता में यह विश्वास जगाया कि हिंदू एकजुट हो सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि शुरू में लोग कहते थे कि हिंदुत्व सांप्रदायिक है. लेकिन संघ ने समझाया कि हिंदुत्व कोई पंथ नहीं, बल्कि 'जीवन दर्शन' है.

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