
देश के 9 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को केंद्र की ओर से दिल्ली के लुटियंस जोन में बंगले अलॉट किए गए हैं. खास बात ये है कि इनमें ज्यादातर मुख्यमंत्री या तो बीजेपी से हैं या फिर एनडीए का हिस्सा हैं. इस बात का खुलासा एक आरटीआई से हुआ है.
नई दिल्ली के लुटियंज बंगलो जोन (LBZ) में केंद्र सरकार बंगले अलॉट करती है. इस इलाके में केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, जजों, ब्यूरोक्रेट्स और आर्म्ड फोर्सेस के अधिकारियों को बंगले दिए जाते हैं. इन बंगलों के लिए इनसे नाममात्र का किराया लिया जाता है.
इन बंगलों की डिमांड हमेशा सबसे ज्यादा रहती है लेकिन कमी की वजह से सरकार सभी को बंगले अलॉट नहीं कर पाती. उसके बावजूद, ये बंगले उन मुख्यमंत्रियों को दिए गए हैं जिनका दिल्ली आना भी कभी-कभार होता है. इसके अलावा दिल्ली में सभी राज्यों का एक अपना भवन बना हुआ है. यहां मुख्यमंत्रियों के ठहरने के लिए सुईट भी है. फिर भी इन 9 मुख्यमंत्रियों को केंद्र ने बंगले दे दिए.
ये जानने के लिए लुटियंज बंगलो जोन में केंद्र ने कितने मुख्यमंत्रियों ने बंगले अलॉट किए हैं? इंडिया टुडे की ओर से एक आरटीआई दाखिल की गई. इस आरटीआई में हमने ये सवाल भी किया कि इन बंगलों का किराया कितना होता है और उसे देता कौन है? इन बंगलों को कब और क्यों अलॉट किया गया? कितने मुख्यमंत्रियों की ओर से बंगले के लिए आवेदन दिया गया था और उन्हें नहीं मिला? इसके जवाब में सरकार की ओर से कहा गया कि मुख्यमंत्रियों को सामान्य सरकारी आवास अलॉट किए गए हैं.
देश में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं. आरटीआई से पता चला कि हर तीसरे मुख्यमंत्री को दिल्ली में बंगला दिया गया है. जिन 9 मुख्यमंत्रियों को दिल्ली में बंगला मिला है, उनमें से 7 एनडीए का हिस्सा हैं. वहीं, जो दो बचे हैं उनमें एक हैं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और दूसरे हैं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाय. एस. जगनमोहन रेड्डी. ये दोनों भी कई मौकों पर मोदी सरकार का समर्थन कर चुके हैं. सरकार के जवाब के मुताबिक, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी दिल्ली में बंगला दिया गया है.
हालांकि, सरकार की ओर से ये नहीं बताया गया है कि इन मुख्यमंत्रियों को किस आधार पर बंगले अलॉट किए गए हैं. सरकार ने इस बात की जानकारी भी नहीं दी है कि किन मुख्यमंत्रियों की ओर से बंगले के लिए आवेदन किया गया था.
तीन साल पहले यानी 2018 में भी इंडिया टुडे की ओर से ऐसी ही एक आरटीआई लगाई गई थी. उसके जवाब में उस वक्त सरकार ने बताया था कि 7 मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले अलॉट किए गए हैं. तीन साल में ये संख्या बढ़कर 9 हो गई है.
इतना ही नहीं, इन मुख्यमंत्रियों से इन बंगलों के लिए नाममात्र का किराया लिया जाता है. कुछ मुख्यमंत्रियों को 3,700 स्क्वायर फीटस से 5,600 स्क्वायर फीट एरिया के बंगले मिले हैं. इनका किराया महीने भर का 5 हजार रुपए भी नहीं है. मार्केट के सूत्र बताते हैं कि इन बंगलों का किराया हर महीने का 18 लाख रुपए से 25 लाख रुपए है.