
पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और स्थानीय बीजेपी नेताओं के बीच विवाद बढ़ता दिख रहा है. ताजा मामला 'अवधी लोक संगीत की सुरमई शाम' कार्यक्रम से जुड़ा है. इस प्रोग्राम में 'विवादित' आईएएस मनीष जैन की पत्नी रुचिरा जैन कोलकाता के प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक स्मारक विक्टोरिया मेमोरियल में प्रस्तुति देंगी. इसी मसले पर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि उम्मीद करते हैं कि गवर्नर इसी तरह अन्य सिंगर्स और म्यूजिशियन को परफॉर्मेंस का मौका देंगे.
बता दें कि विक्टोरिया मेमोरियल एक न्यासी बोर्ड द्वारा शासित होता है. क्योंकि यह एक स्वायत्त संगठन है और राज्यपाल इसके अध्यक्ष हैं. जबकि कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाली रुचिरा जैन के पति मनीष जैन पश्चिम बंगाल सरकार में स्कूल शिक्षा विभाग में प्रमुख सचिव हैं. हाल में ही मनीष जैन तब चर्चा में आए थे, जब एसएससी भर्ती घोटाले में हाईकोर्ट ने उन्हें तलब किया था. शिक्षक भर्ती घोटाला बड़े सार्वजनिक घोटालों में से एक माना जाता है.
बीजेपी नेता ने लगाए हैं ये आरोप
बीजेपी नेता और नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैं राज्यपाल सीवी आनंद बोस से पश्चिम बंगाल के अन्य गायकों और संगीतकारों को भी यही अवसर प्रदान करने का अनुरोध करूंगा. शुभेंदु ने जो पोस्ट शेयर किया है, उसमें लिखा है कि रुचिरा जैन को विक्टोरिया मेमोरियल में प्रस्तुति देने के लिए नंदनी चक्रवर्ती द्वारा सुविधा प्रदान की गई है. क्योंकि नंदनी चक्रवती राज्यपाल की प्रधान सचिव हैं और मनीष जैन की बैचमेट और परिचित हैं. रुचिरा जैन को शाही स्थल पर प्रस्तुति देने के लिए विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन का खर्च विक्टोरिया मेमोरियल अथॉरिटी द्वारा वहन किया जा रहा है.
'तो अन्य कलाकारों को भी मिलना चाहिए सम्मान'
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैं निश्चित रूप से आशा करूंगा कि विक्टोरिया मेमोरियल के न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष और राज्यपाल भविष्य में पश्चिम बंगाल के प्रतिभाशाली संगीतकारों को कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शन करने का समान अवसर प्रदान करेंगे. लोक गायकों और संगीतकारों समेत गायकों, कलाकारों, गोंभीरा, भवैया, छोटका, भादू, टुसू, जवा, झुमुर, अलकप, बोलन, पांचाली और संगीत के कई अन्य रूपों को प्रस्तुत करने का अवसर मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रतिष्ठित स्थल पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करके बंगाल के संगीतकारों को निश्चित रूप से लाभ होगा.