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Russia-Ukraine crisis: रूस ने क्रीमिया से वापस बुलाई सेना, अमेरिका ने कहा- खतरा अभी टला नहीं

रूस ने यूक्रेन सीमा से सैनिकों की वापसी का ऐलान कर दिया है. इस खबर से लोगों में राहत तो है, लेकिन अमेरिका का कहना है कि खतरा अब भी टला नहीं है.

रूस सैनिकों बेस पर वापस बुला रहा है रूस सैनिकों बेस पर वापस बुला रहा है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:22 PM IST
  • रूस ने यूक्रेन के पूर्व, उत्तर और दक्षिण में लगभग 150,000 सैनिक भेजे थे
  • अमेरिकी अधिकारियों ने रूस के दावे की पुष्टि नहीं की है

रूस ने बुधवार को कहा कि वह और सैनिकों बेस पर वापस बुला रहा है. इस खबर से दुनिया ने चैन की सांस ली है. आशंका जताई जा रही थी कि रूस यूक्रेन पर हमला करने जा रहा है. हालांकि, अमेरिका का कहना है कि हमले का खतरा अब भी बना हुआ है.

रूस ने यूक्रेन के पूर्व, उत्तर और दक्षिण में लगभग 150,000 सैनिक भेजे थे, जिससे आशंका लगाई जा रही थी कि रूस हमले की योजना बना रहा था. हालांकि उन सैनिकों की वापसी के कोई ठोस संकेत अभी नहीं मिले हैं.

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रूस के रक्षा मंत्रालय ने जारी किया था वीडियो

बुधवार को, रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें सेना को क्रीमिया से वापस आता दिखाया गया है. वीडियो में सैन्य वाहनों पुल से गुजरते दिख रहे थे. साथ ही यह भी कहा गया था कि सैनिक अपने स्थाई ठिकानों पर लौट रहे हैं. 

एक दिन पहले, मंत्रालय ने यूक्रेन के पास सैन्य अभ्यास के बाद सैनिकों की वापसी की शुरुआत की सूचना दी थी. और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया कि वह एक कूटनीतिक रास्ता चाहते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह युद्ध नहीं चाहते हैं और यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकने के अपने लक्ष्य के लिए वार्ता पर भरोसा करेंगे. जबकि अमेरिका और उसके सहयोगियों को रूस पर भरोसा नहीं कर रहे थे. 

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पुतिन ने सैनिकों की पूर्ण वापसी की बात नहीं की है. उका कहना है कि उनका अगला कदम इस बात पर निर्भर करेगा कि आगे स्थिति कैसी रहती है. रूसी सेना ने वापस आए सैनिकों या हथियारों की संख्या की जानकारी नहीं दी है.

अमेरिका यकीन नहीं करता

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को कहा था कि अमेरिकी अधिकारियों ने रूस के दावे की पुष्टि नहीं की है. बिडेन ने व्हाइट हाउस में कहा, 'हमारे विश्लेषकों का कहना है कि वे अब भी बहुत खतरनाक स्थिति में हैं.'

ब्रिटिश रक्षा सचिव बेन वालेस ने भी कहा कि यह बताना जल्दबाजी होगी कि क्या सही में सेना को वापस बुलाया गया है. उन्होंने यह भी कहा- 'हमने अभी तक सेना को वापस बुलाए जाने के सुबूत नहीं देखे हैं, जिसका दावा किया गया था. जबकि असल में हमने फील्ड अस्पतालों और वेपन सिस्टम्स जैसी चीजों को हमेशा बनते देखा है. जब तक हमें सही और उचित तरीके से डी-एस्केलेशन नहीं दिखता, मुझे लगता है कि हम सभी को सतर्क रहना चाहिए.'

बेलारूस के विदेश मंत्री व्लादिमीर मेकी ने पुष्टि की कि रविवार को युद्धाभ्यास समाप्त होने के बाद सभी रूसी सैनिक देश छोड़ देंगे. रूस ने किसी भी आक्रमण की योजना से इनकार किया है.

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क्या चाहता है रूस

रूस चाहता है कि पश्चिम, यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को नाटो से बाहर रखे, रूसी सीमाओं के पास हथियारों की तैनाती को रोके और पूर्वी यूरोप से सेना को वापस बुलाए. अमेरिका और उसके सहयोगियों ने उन मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है, लेकिन उन्होंने यूरोप में सुरक्षा को मजबूत करने के तरीकों को लेकर रूस से बातचीत करने की पेशकश की है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने सोमवार को घोषणा की थी कि बुधवार, 16 फरवरी 'एकता का दिन' होगा, क्योंकि उस दिन उनके देश पर रूस आक्रमण कर सकता है. साथ ही, बुधवार को यूक्रेन में सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया गया. यही नहीं,  अमेरिका ने भी अपना दूतावास खाली कर दिया था.


 

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