
यूक्रेन में फंसे भारतीयों के रेस्क्यू के लिए मोदी सरकार ने बड़ी तैयारी की है. अब बताया जा रहा है कि इस मिशन को सफल बनाने में भारतीय वायुसेना की मदद ली जाएगी.
जानकारी दी गई है कि ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय नागरिकों के evacuation के प्रयासों को और scale up करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वायु सेना को भी इस ऑपरेशन से जुड़ने के लिए कहा है. वायु सेना के हवाई जहाज़ों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी, और उनकी संख्या में भी वृद्धि होगी. साथ ही साथ, भारत से भेजी जा रही राहत सामग्री भी और तेजी से पहुंचेगी. भारतीय वायु सेना के कई C-17 विमान आज ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ान शुरू कर सकते हैं. ये विमान काफी बड़े होते हैं और एक बार में 400 यात्रियों का रेस्क्यू कर सकते हैं.
अभी तक एयर इंडिया द्वारा भारत के रेस्क्यू मिशन को चलाया जा रहा था. उसी के जरिए यूक्रेन में फंसे कई भारतीयों की वतन वापसी संभव हो पाई है. लेकिन अब यूक्रेन में स्थिति हर बीतते दिन के साथ बिगड़ रही है. वहां रह रहे भारतीयों की सुरक्षा भी खतरे में आ गई है. कई छात्र तो बंकरों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में अब समय रहते सभी का वहां से रेस्क्यू जरूरी हो गया है. इसी वजह से अब ये चुनावीपूर्ण काम वायुसेना को दिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि एयरफोर्स के C-17 विमान इस रेस्क्यू मिशन में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब मुश्किल समय में रेस्क्यू के लिए एयरफोर्स का इस्तेमाल किया गया हो. इससे पहले अफगानिस्तान में जब तालिबान का कब्जा होने जा रहा था, तब भी वायुसेना ने ही रेस्क्यू मिशन के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई थी. कोरोना काल में भी ऑक्सीजन से लेकर मेडिकल संसाधनों का इंतजाम वायुसेना के विमानों के जरिए किया गया था. इसी कड़ी में अब पीएम मोदी ने यूक्रेन मिशन में भी एयरफोर्स की मदद मांगी है.
वैसे अब विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर साफ कर दिया है कि सभी भारतीय तत्काल प्रभाव से यूक्रेन की राजधानी कीव छोड़ दें. कहा गया है कि आज किसी भी हाल में वहां फंसे भारतीय कीव से निकल जाएं. दरअसल कल से ही रूस की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि नागरिक कीव को तुरंत छोड़ दें. खबर है कि अब राजधानी कीव पर बड़े स्तर पर हमले की तैयारी है. वहां पर रूस द्वारा हवाई हमले किए जा सकते हैं. ऐसे में सभी नागरिकों को वहां से जाने के लिए कहा जा रहा है.