
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को भारतीय विदेश सेवा को अहंकारी कहने वाले मसले पर जवाब दिया. जयशंकर ने कहा कि यह अहंकार नहीं बल्कि आत्मविश्वास है जो भारत को विश्व मंच पर प्रदर्शित करता है. दरअसल, 20 मई को राहुल गांधी ने लंदन में एक नॉन प्रॉफिट थिंक-टैंक की और से आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि यूरोप के कई नौकरशाहों ने उन्हें बताया था कि भारतीय विदेश सेवा पूरी तरह से बदल गई है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर का जवाब
विदेश सेवा अभिमानी हो गयी है, वे कुछ भी नहीं सुनते हैं. अब वे हमें बता रहे हैं कि उन्हें क्या आदेश मिल रहे हैं. इसका जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, हां, भारतीय विदेश सेवा बदल गई है. हां, वे सरकार के आदेशों का पालन करते हैं. हां, वे दूसरों के तर्कों का विरोध करते हैं. नहीं, इसे अहंकार नहीं कहा जाता है. इसे आत्मविश्वास कहा जाता है. इसे राष्ट्रीय हित की रक्षा कहा जाता है.
रणदीप सुरजेवाला ने भी की टिप्पणी
इस बीच कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी राहुल गांधी के समर्थन में आए गए. उन्होंने देश के बजाय पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विदेश सेवा का उपयोग करने के लिए विदेश मंत्री की आलोचना की. ट्विटर पर सुरजेवाला ने लिखा, हां, इसे विदेश नीति की धज्जियां उड़ाने वालों के सामने राजनीतिक आकाओं के अधीन होना भी कहा जाता है. हां, इसे हमारे क्षेत्र पर अवैध कब्जे के सामने चीन के सामने खड़ा नहीं होना कहा जाता है. हां, इसे राष्ट्र के बजाय किसी पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाना कहा जाता है.
सलमान खुर्शीद ने जयशंकर को घेरा
इस मसले पर सलमान खुर्शीद भी बीच में आ गए और उन्होंने जयशंकर की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि सुनने की क्षमता आत्मविश्वास है, अन्य कोई तरीका नहीं हो सकता. 13 अप्रैल को जयशंकर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की उपस्थिति में भारत में कथित मानवाधिकारों के हनन पर अमेरिकी चिंताओं के खिलाफ भी बात की. उन्होंने कहा कि लोगों को भारत के बारे में विचार रखने का अधिकार है. उन्होंने कहा, हम संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अन्य लोगों के मानवाधिकारों की स्थिति पर भी अपने विचार रखते हैं.