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'LAC पर बदलाव की कोशिश बर्दाश्त नहीं', चीन को विदेश मंत्री जयशंकर ने चेताया

संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो गया. सत्र के पहले दिन राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारतीय विदेश नीति को सबके सामने रखा. इसमें उन्होंने चीन को चेताया. साथ ही जयशंकर ने मॉनसून सत्र से लेकर इस सत्र तक विदेश मंत्रालय की गतिविधियों का ब्यौरा सदन के सामने रखा.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर
गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST

संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के पहले दिन, राज्यसभा में विदेश मंत्री, डॉ. एस जयशंकर ने भारत की विदेश नीति पर बयान दिया. इसमें उन्होंने पड़ोसी देश चीन को चेताया भी. जयशंकर ने कहा कि 8 अगस्त 2022 को खत्म हुए मानसून सत्र के बाद से भारत की कूटनीति तेजी से चलती रही. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री ने भारत और विदेशों में अपने कई विदेशी समकक्षों के साथ बातचीत की. हमने जी20, एससीओ और आसियान से जुड़े कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया. हमने भारत में अपने कई समकक्ष सहयोगियों का स्वागत किया. 

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उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति ने कंबोडिया में भारत-आसियान स्मारक शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिससे भारत-आसियान संबंधों में मजबूती आई. उन्होंने 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया. उन्होंने बताया कि प्रधान मंत्री मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राज्यों के प्रमुखों की परिषद के समरकंद शिखर सम्मेलन में भाग लिया जहां भारत ने एससीओ की अध्यक्षता ग्रहण की. 

काशी पहली SCO सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के रूप में नामित

एस जयशंकर ने कहा कि मुझे सदन को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि काशी को 2022-23 के लिए पहली SCO सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के रूप में नामित किया गया है. इससे हमें हमारी सदियों पुरानी ज्ञान विरासत और समृद्ध सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने में मदद मिलेगी. 

G20 की अध्यक्षता हर भारतीय के लिए गर्व की बात

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उन्होंने जी-20 पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में बाली जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया था और उसके तुरंत बाद हमने इसकी अध्यक्षता ग्रहण की. G20 वैश्विक आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है. आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष के दौरान, भारत का जी20 की अध्यक्षता करना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है. जी20 बैठकें भारत में पहले ही शुरू हो चुकी हैं और इनमें से करीब 200 मीटिंग्स देश में 32 अलग-अलग जगहों पर आयोजित की जाएंगी. अगले साल होने वाला G20 शिखर सम्मेलन, देश द्वारा आयोजित किया जाने वाला सबसे बड़ा हाई प्रोफाइल अंतर्राष्ट्रीय ईवेंट होगा.

उन्होंने कहा कि आज, हम विकासशील देशों और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं दोनों के बीच मजबूत पुल बना रहे हैं. हमारे G20 प्रेसीडेंसी के अलावा, हम कई और समूहों के सदस्य हैं. उनमें से कुछ BRICS और कॉमनवेल्थ की तरह स्थापित हैं. बाकी, क्वाड और एससीओ की तरह हैं. 

सक्रिय रहा विदेश मंत्रालय 

उन्होंने कहा कि मैं सदन को यह भी बताना चाहता हूं कि इस दौरान विदेश मंत्रालय के मंत्री भी काफी सक्रिय रहे हैं. मैंने खुद इस अवधि में मालदीव, फ्रांस, सिंगापुर, बोस्टवाना, यूनाइटेड किंगडम, घाना, गैबॉन, बेलारूस, सीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और जर्मनी के विदेश मंत्रियों की मेजबानी की है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय खंड में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी. मैंने इस अवसर पर G4, L69, क्वाड, IBSA, BRICS, CELAC, और Caricom के साथ जुड़ने और कई त्रिपक्षीय और द्विपक्षीय बैठकें आयोजित कीं.

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उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद विरोधी समिति (Counter Terrorism Committee) के अध्यक्ष के रूप में भारत ने अक्टूबर में अपनी विशेष बैठक की मेजबानी की थी. इसमें सभी 15 सदस्यों ने हिस्सा लिया और ताजमहल पैलेस होटल में मेमोरियल वॉल पर 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी. 

इंदौर में होगा 17वां प्रवासी भारतीय दिवस

उन्होंने यह भी कहा कि कोविड की वजह से लंबे अंतराल के बाद, भारत 8-10 जनवरी 2023 को इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Diwas) की मेजबानी करेगा. गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफ़ान अली,प्रवासी भारतीय दिवस- 2023 में मुख्य अतिथि होंगे. गणतंत्र दिवस 2023 के लिए, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है. 

उन्होंने यह भी बताया कि 15-17 फरवरी 2023 को फिजी और भारत मिलकर 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं. प्रशांत क्षेत्र में इस कार्यक्रम की मेजबानी का यह पहला मौका होगा .

उन्होंने कहा कि एक कठिन वैश्विक स्थिति में हमारी कोशिश है कि भारतीय लोगों का हित सुनिश्चित हो, चाहे परिस्थितियां कितनी ही चुनौतीपूर्ण क्यों न हों. भारतीय विदेश नीति भारतीय लोगों की सेवा के लिए है. उस जिम्मेदारी को निभाने के लिए जो कुछ भी करना होगा हम करेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि यह सम्मानित सदन विदेशों में हमारे राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देने के साथ-साथ हमारे लोगों की दैनिक जरूरतों के प्रति हमारी जवाबदेही दोनों की सराहना करता है. 

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'हम LAC में किसी एकतरफा बदलाव को बर्दाश्त नहीं करेंगे'

राज्यसभा में विदेश नीति पर उनके बयान के बाद सांसदों ने उनसे सवाल किए, जिसके जवाब देते हुए, मंत्री ने कहा कि भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) में किसी भी तरह के एकतरफा बदलाव को बर्दाश्त नहीं करेगा. हम चीन के साथ बहुत स्पष्ट रहे हैं कि हम LAC में किसी एकतरफा बदलाव को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक चीन एलएसी में एकतरफा बदलाव की कोशिश करता रहेगा और सीमा पर सेना का निर्माण जारी रखेगा, तब तक चीन के साथ भारत के संबंध सामान्य नहीं हो सकते.

 

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