
विदेश मंत्री जयशंकर इस वक्त पाकिस्तान में हो रही SCO यानी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. जयशंकर का यह पहला पाकिस्तान दौरा है. इस्लामाबाद में एससीओ समिट के आयोजन स्थल पर पहुंचने पर पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने जयशंकर का हाथ मिलाकर स्वागत किया. दोनों नेताओं के बीच कुछ देर बातचीत भी हुई.
एस जयशंकर करीब 9 साल बाद पाकिस्तान जाने वाले भारत सरकार के पहले मंत्री हैं. वह पहले ही साफ कर चुके हैं SCO समिट में पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी. लेकिन पाकिस्तान में भारत से बातचीत की गुहार लगाई जा रही है. इसकी शुरुआत जयशंकर के पाकिस्तान पहुंचने से पहले ही हो गई थी. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने सबसे पहले स्मॉग की समस्या से निपटने के लिए भारत से बातचीत को जरूरी बताया.
उन्होंने कहा कि भारत के साथ जलवायु कूटनीति होनी चाहिए. इसके बाद उनके पिता और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर एस जयशंकर की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ समिट में भारत का प्रतिनिधित्व करते तो और अच्छा होता. उन्होंने जल्द ही पीएम मोदी से मुलाकात की उम्मीद जताई. नवाज शरीफ भले ही प्रधानमंत्री न हों लेकिन सत्ताधारी दल के सर्वेसर्वा हैं.
भारत जब चाहे हम बातचीत को तैयार: इशाक डार
इसी तरह पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार कह चुके हैं कि भारत जब चाहेगा हम तब बातचीत की टेबल पर आने को तैयार हैं. लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी बिलावल भुट्टो के बयान को लेकर है, जिन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और पाकिस्तान बैठकर बातचीत करें वरना आने वाली नस्लें दोनों सरकारों को माफ नहीं करेंगी. बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान की वर्तमान सरकार में शामिल है, इसलिए उनका यह बयान काफी मायने रखता है.
पाकिस्तान की दोस्ती वाली गुहार के बीच जयशंकर का स्वैग भी देखने लायक है, जिनकी इस्लामाबाद में उतरने के बाद की एक तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है. रावलपिंडी में विमान से उतरने के बाद जयशंकर ने वहां अपने स्वागत के लिए आए पाकिस्तानी प्रतिनिधियों से पहले हाथ मिलाया, फिर बच्चों के हाथों से गुलदस्ते लिए और काला चश्मा निकालकर लगाया. आखिरी बार सुषमा स्वराज बतौर विदेश मंत्री 2015 में पाकिस्तान गई थीं. पाकिस्तान में एससीओ समिट के लिए चीन का प्रतिनिधित्व वहां के प्रधानमंत्री कर रहे हैं.
बातचीत पर इतना कड़ा रुख ना हो: बिलावल भुट्टो
पाकिस्तान की पूरी सरकार भले ही चीनी प्रधानमंत्री की चापलूसी में लगी हो, लेकिन सड़क से स्टूडियो तक सिर्फ एक ही चर्चा है कि क्या भारत से बातचीत का कोई चांस है? पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा, 'भारत-पाकिस्तान को भी गौर करना चाहिए कि क्या ये मुनासिब है कि बातचीत पर इतना कड़ा रुख अपनाया जाए या फिर इसे चेंज करके द्विपक्षीय मुद्दों के मुताबिक बातचीत का आगाज हो. जलवायु परिवर्तन का सबसे बुरा असर है भारत और पाकिस्तान पर पड़ रहा है, तो क्या हम बैठकर इस मुद्दे पर बात नहीं कर सकते.'
जयशंकर का पाकिस्तान आना पॉजिटिव स्टेप: खार
ये वही बिलावल भुट्टो हैं जिन्होंने भारत में आयोजित SCO की बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाकर कूटनीतिक नियमों का उल्लंघन किया था. इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें आइना दिखाकर पाकिस्तान को खूब लताड़ा था. इन पुरानी यादों के बाद पाकिस्तान को यकीन नहीं था कि एस जयशंकर SCO समिट में हिस्सा लेने इस्लामाबाद आएंगे. पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने जयशंकर के पाकिस्तान दौरे पर कहा, 'यह हमारे लिए बेहतर है. सभी सदस्य देश आए हैं. द्विपक्षीय संबंधों की बात करें तो भारतीय विदेश मंत्री का पाकिस्तान आना एक पॉजिटिव स्टेप जरूर है. कम से कम आ तो रहे हैं. हमें रिएक्टिव डिप्लोमेसी नहीं करनी चाहिए.'