
संसद के चालू शीतकालीन सत्र के आठवें दिन शून्यकाल के दौरान एक अजीबोगरीब वाकया हुआ. समाजवादी पार्टी के एक सांसद ने शून्यकाल के दौरान नमामि गंगे पर बोलने के लिए मुद्दा लिस्ट कराया था. जब बोलने की बारी आई तो वे बोलने लगे दुग्ध उत्पादन पर. सांसद को आसन से जगदंबिका पाल ने टोका. इसके बाद सांसद ने दुग्ध उत्पादन का विषय किनारे कर नमामि गंगे को लेकर अपनी मांग उठाई.
दरअसल, लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बोलने के लिए यूपी के बलिया से सांसद सनातन पाण्डेय ने नमामि गंगे पर बोलने के लिए मामला लिस्ट कराया था. स्पीकर ओम बिरला ने सनातन पाण्डेय का नाम लिया. सनातन पाण्डेय बोलने के लिए खड़े हुए. सनातन पाण्डेय ने दुग्ध उत्पादन पर बोलना शुरू कर दिया. इसी बीच आसन पर जगदंबिका पाल आ गए. तब तक सनातन पाण्डेय कुल दुग्ध उत्पादन और उसमें उत्तर प्रदेश की भागीदारी का आंकड़ा भी गिना चुके थे. आसन से जगदंबिका पाल ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आपको तो नमामि गंगे पर बोलना है.
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सनातन पाण्डेय ने इसके जवाब में कहा कि नहीं सर, आज के लिए दुग्ध उत्पादन का विषय सूचीबद्ध है. आसन से जगदंबिका पाल ने कहा कि हमारे पास जो लिस्ट है, उसमें आपके नाम के आगे नमामि गंगे दर्ज है. इसके बाद सनातन पाण्डेय ने नमामि गंगे पर बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना 10 साल पहले शुरू हुई थी. जहां से आता हूं, वहां से पहले गाजीपुर है, वाराणसी है, प्रयागराज है. सनातन पाण्डेय ने कहा कि इस योजना पर इतनी भारी राशि खर्च हुई लेकिन कहीं भी गंगा स्वच्छ नहीं हुई है.
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सपा सांसद ने नमामि गंगा योजना पर खर्च राशि की जांच कराने की मांग की और कहा कि जो इतना पैसा खर्च हुआ, वह धरातल पर पहुंचा कि नहीं पहुंचा. इसकी जांच भारत सरकार की किसी उच्च कमेटी से जांच कराई जाए. इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान घोसी से सांसद राजीव राय ने वाराणसी तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को मऊ तक बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि मऊ से राजधानी या शताब्दी एक्सप्रेस भी दिल्ली के लिए चलाई जानी चाहिए. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनकी मांगों पर विचार का आश्वासन दिया.